आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय देश भर में रेहड़ी पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए सहायक और सशक्त वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध:श्री हरदीप एस पुरी
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आवसन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने रेहड़ी पटरी वालों के बीच विवादों और झगड़ों के समाधान के लिए स्ट्रीट वेंडर अधिनियम 2014 के तहत सुदृढ़ शिकायत निवारण समितियों की स्थापना और रखरखाव के महत्व पर जोर दिया है। कल ‘स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण समिति (जीआरसी)’ पर एक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए उन्होंने शासन, जोखिम और अनुपालन के लिए जीआरसी का गठन करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बधाई दी और शेष राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से जल्द से जल्द समिति के गठन में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों ने लंबे समय से शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और मंत्रालय देश भर में रेहड़ी पटरी वालों के लिए एक सहायक और सशक्त माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने 04 जनवरी, 2024 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में ‘स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण समिति (जीआरसी)’ पर सेमिनार आयोजित किया। इसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जागरूक करना था। सुदृढ़ जीआरसी के महत्व और स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम 2014 के भीतर कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए जीआरसी सदस्यों सहित प्रमुख हितधारकों को एक मंच प्रदान किया गया। सेमिनार में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, जीआरसी के सदस्य और अन्य विशेषज्ञ और नागरिक समाज संगठनों के साझेदारों ने भाग लिया। इस आयोजन ने राज्य के अधिकारियों और जीआरसी सदस्यों के बीच क्षमता निर्माण के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, ताकि रेहड़ी पटरी वालों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किया जा सके और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रतिभागियों को उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने का भी अवसर मिला, जिन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014 के तहत प्रभावी जीआरसी का सफलतापूर्वक गठन और प्रबंधन किया है।
आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने सेमिनार के दौरान दो वेबसाइट, पीएआईएसए पोर्टल डैशबोर्ड और पीएम स्वनिधि मिशन मॉनिटरिंग पोर्टल शुरु किए। ये पोर्टल पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देते हुए मिशन और योजना पर वास्तविक समय परकार्य की प्रगति का ब्योरा अपडेट करेंगे।
कार्यक्रम में सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 और जीआरसी पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें इसके कानूनी ढांचे तथा निहितार्थों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। “स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण तंत्र को सुदृढ़ बनाना” विषय पर एक पैनल चर्चा हुई। इसमें भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने स्ट्रीट वेंडर्स के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और प्रभावी समाधान प्रस्तावित करने पर बल दिया। इसके लिए 4,342 टाउन वेंडिंग समितियों का गठन, 13,403 वेंडिंग जोन का सीमांकन, 1,350 वेंडिंग बाजारों का निर्माण और 38.06 लाख वेंडिंग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 विक्रेताओं को मनमाने निष्कासन से बचाता है, आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है और व्यावसायिक शहरी स्थानों में योगदान देता है।
पीएम स्वनिधि के बारे में:
मंत्रालय ने स्ट्रीट वेंडर्स के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें कोविड-19 महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित व्यवसायों को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए 01 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। 57.83 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को पहली अवधि, 16.23 लाख से अधिक को दूसरी अवधि और 2.16 लाख से अधिक को तीसरी अवधि का ऋण प्रदान किया गया है। यह 43 महीनों के अंतराल में हासिल किया गया है, जबकि इस दौरान देश में महामारी की तीन लहरें आईं थीं।