PM मोदी मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता, ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर फोकस
सहकारी संघवाद के सिद्धांत को क्रियान्वित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन 27 से 29 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली में 27 से 29 दिसंबर तक आयोजित होने वाले मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस आयोजन का मुख्य विषय ‘जीवन की सुगमता’ यानी ‘ईज ऑफ लिविंग’ रखा गया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी है। यह इस तरह का तीसरा सम्मेलन है। पहला सम्मेलन जून 2022 में धर्मशाला में और दूसरा जनवरी 2023 में दिल्ली में आयोजित किया गया था।
ज्ञात हो, सहकारी संघवाद के सिद्धांत को क्रियान्वित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन 27 से 29 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।
ग्रामीण और शहरी आबादी को फायदा
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिवों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित 200 से अधिक लोग भाग लेंगे। यह सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा।
सम्मेलन का मुख्य फोकस: ‘ईज ऑफ लिविंग’
इस वर्ष मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य फोकस ‘ईज ऑफ लिविंग’ होगा। सम्मेलन में राज्यों के साथ साझेदारी में एकजुट कार्रवाई के लिए एक सामान्य विकास एजेंडा और ब्लूप्रिंट के विकास और कार्यान्वयन पर जोर दिया जाएगा।
चर्चा के प्रमुख क्षेत्र
कल्याणकारी योजनाओं तक आसान पहुंच और सेवा वितरण में गुणवत्ता पर विशेष जोर देने के साथ, सम्मेलन में पांच उप-विषयों पर चर्चा की जाएगी। उनमें भूमि और संपत्ति, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, और स्कूली शिक्षा शामिल हैं।
नए युग की प्रौद्योगिकियों पर विशेष सत्र किए जाएंगे आयोजित
इनके अलावा साइबर सुरक्षा: उभरती चुनौतियां, एआई पर परिप्रेक्ष्य, जमीनी स्तर की कहानियां: आकांक्षी ब्लॉक और जिला कार्यक्रम, राज्यों की भूमिका: योजनाओं और स्वायत्त संस्थाओं को युक्तिसंगत बनाना और पूंजीगत व्यय बढ़ाना, शासन में एआई: चुनौतियां और अवसर पर भी चर्चा होगी।
राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी किया जाएगा प्रस्तुत
साथ ही अमृत सरोवर, पर्यटन संवर्धन, ब्रांडिंग और राज्यों की भूमिका और पीएम विश्वकर्मा योजना और पीएम स्वनिधि, नशा मुक्ति और पुनर्वास पर भी केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रत्येक विषय के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि राज्य एक राज्य में प्राप्त सफलता को दोहरा सकें या अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पैंतरेबाजी कर सकें।