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Satellite launch से 15.7 करोड़ डॉलर और 26 करोड़ यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ : जितेंद्र सिंह

Satellite launch से 15.7 करोड़ डॉलर और 26 करोड़ यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ : जितेंद्र सिंह
  • PublishedDecember 21, 2023

केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने 2014-23 की अवधि के दौरान 396 विदेशी और 70 डोमेस्टिक सैटेलाइटों को लॉन्च किया, जबकि 2003-14 के दौरान क्रमशः 33 और 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया था। उन्होंने कहा कि 2014-23 के दशक के दौरान सैटेलाइट लॉन्च से 15.7 करोड़ डॉलर और 26 करोड़ यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ। विभिन्न वैश्विक अनुमानों और समाचार आउटलेट्स के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत के अंतरिक्ष सेक्टर की वृद्धि दर 6-8% रहने का अनुमान है।

केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने 2014-23 की अवधि के दौरान 396 विदेशी और 70 डोमेस्टिक सैटेलाइटों को लॉन्च किया, जबकि 2003-14 के दौरान क्रमशः 33 और 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया था। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि 2014-23 के दशक के दौरान सैटेलाइट लॉन्च से 15.7 करोड़ डॉलर और 26 करोड़ यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ।

अंतरिक्ष विभाग को आवंटित वार्षिक बजट में हुई बढ़ोत्तरी

अंतरिक्ष विभाग ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग को आवंटित वार्षिक बजट वित्त वर्ष 2013-14 के 6,792 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 12,544 करोड़ रुपये हो गया है।

2014-23 में भारत द्वारा प्रक्षेपित किए गए फॉरेन और डोमेस्टिक सैटेलाइटों की संख्या क्रमश: 396 और 70

उन्होंने कहा कि 2014-23 की अवधि के दौरान भारत द्वारा प्रक्षेपित किए गए विदेशी और घरेलू उपग्रहों की संख्या क्रमश: 396 और 70 थी, जबकि 2003-13 की अवधि के दौरान भारत द्वारा प्रक्षेपित विदेशी और घरेलू उपग्रहों की संख्या क्रमश: 33 और 31 थी।

अंतरिक्ष सेक्टर की वृद्धि दर 6-8% रहने का अनुमान

सबसे अहम यह है कि 2014-23 के दशक के दौरान उपग्रह प्रक्षेपण से 15.7 करोड़ डॉलर और 26 करोड़ यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ हैं। वहीं 2003-13 के दशक के दौरान यह आंकड़ा क्रमश: 1.5 करोड़ डॉलर और 3.2 करोड़ यूरो था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न वैश्विक अनुमानों और समाचार आउटलेट्स के अनुसार, आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 6-8% रहने का अनुमान है।