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लोकसभा से निलंबित हुए 33 सांसद, जानें क्या है मामला

लोकसभा से निलंबित हुए 33 सांसद, जानें क्या है मामला
  • PublishedDecember 18, 2023

अब तक 46 सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है।

संसद के दोनों सदन में लगातार हंगामा जारी है। ऐसे में सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सहित 30 सदस्यों को बाकी सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा तीन सदस्यों का विषय आचार समिति को भेजा गया और तब तक के लिए उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। इस तरह आज कुल 33 सदस्यों को सदन से निलंबित किया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

 

लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदस्यों को निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव में 30 सदस्यों के नाम थे। इसमें कल्याण बनर्जी, ए राजा, गौरव गोगोई, एमके प्रेमचंद्रन, के सुरेश, टीआर बालू, सौगत राय का नाम भी शामिल है। अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के. जयकुमार का नाम उनके अनुचित आचरण के चलते सदन की आचार समिति को भेजा गया है।

इससे पहले शुक्रवार को सदन की कार्यवाही से 13 विपक्षी सदस्यों को निलंबित किया गया था। इन्हें मिलाकर अब तक 46 सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है।

 

सदन के बीचो बीच आकर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी

दरअसल संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लोकसभा सुरक्षा चूक के मुद्दे पर आज भी बाधित रही। वहीं पहले स्थगन के बाद 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू होने पर कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जेडीयू, और अन्य दलों के सदस्य सदन के बीचो बीच आकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने प्रदर्शनकारी सदस्यों से बार-बार वापस जाने और सीट पर बैठने की अपील की लेकिन सदस्यों का विरोध जारी रहा और सदन की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

 

‘संसद की सुरक्षा मुद्दे पर हो रही राजनीती’

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जारी है। सुरक्षा में सेंध की जांच के लिए संसदीय उच्‍च अधिकार समिति गठित की गई है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ सांसदों के निलंबन का इस मुद्दे से कोई संबंध नहीं है और पर्चे दिखाने तथा सदन की प्रतिष्ठा धूमिल करने के कारण उन पर कार्रवाई की गई है।

 

इस बीच, कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जेडीयू, एनसीपी और अन्य दलों के सदस्य सदन के बीचो बीच आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में यह फैसला किया गया था कि सदन में पर्चे नहीं दिखाए जाएंगे। लेकिन विपक्ष के सदस्य ऐसा कर रहे हैं।