देशभर में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा ऑडिट करेगी एनएचएआई,सात दिनों में रिपोर्ट
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग हादसे से सतर्कता बरतते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सभी निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा ऑडिट का फैसला किया है। सुरंगों की हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड की जांच के लिए एनएचएआई देशभर में सभी 29 निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगा। एनएचएआई बुधवार को इसकी जानकारी दी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग हादसे से सतर्कता बरतते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सभी निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा ऑडिट का फैसला किया है। सुरंगों की हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड की जांच के लिए एनएचएआई देशभर में सभी 29 निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगा। एनएचएआई बुधवार को इसकी जानकारी दी।
एनएचएआई के अधिकारी, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के विशेषज्ञों की एक टीम एवं अन्य सुरंग विशेषज्ञों के साथ,देशभर में चल रही सभी सुरंग परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे और सात दिनों के भीतर एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
देश में 79 किमी की कुल लंबाई 29 निर्माणाधीन सुरंगों का ऑडिट
लगभग 79 किमी की कुल लंबाई के साथ,29 निर्माणाधीन सुरंगें पूरे देश में फैली हुई हैं। जिनमें से 12 सुरंगें हिमाचल प्रदेश में, छह जम्मू और कश्मीर में, दो-दो महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान में और एक-एक मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और दिल्ली में हैं।
एनएचएआई ने केआरसीएल के साथ किया समझौता
एनएचएआई ने कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया। जिसके तहत केआरसीएल एनएचएआई परियोजनाओं के सुरंग निर्माण और ढलान स्थिरीकरण से संबंधित डिजाइन, ड्राइंग और सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा करेगी।
इसके अलावा, केआरसीएल एनएचएआई के अधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह समझौता दो वर्ष की अवधि तक प्रभावी रहेगा।
इससे पहले सितंबर 2023 में, एनएचएआई ने डीएमआरसी के साथ एक ऐसे ही समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जो देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरंगों, पुलों तथा अन्य संरचनाओं की योजना, डिजाइन, निर्माण और रखरखाव की समीक्षा के लिए सेवाएं प्रदान करेगा। ये पहलें सुरक्षित एवं निर्बाध राष्ट्रीय राजमार्ग का एक नेटवर्क बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए की जा रहीं हैं।