यूएफओ का पता लगाने के लिए वायुसेना ने भेजे दो राफेल विमान, मिली ये जानकारी
वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि उन्नत सेंसर से लैस राफेल ने यूएफओ की तलाश के लिए संदिग्ध क्षेत्र में निचले स्तर पर उड़ान भरी, लेकिन उसे वहां कुछ नहीं मिला।” उन्होंने बताया कि पहले विमान के वापस लौटने के बाद एक दूसरे राफेल विमान को भेजा गया। दोनों विमानों ने यूएफए की तलाश अभियान किया, लेकिन यूएफओ को आसपास के इलाके में कहीं नहीं देखा गया।
मणिपुर के इंफाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रविवार दोपहर को यूएफओ देखा गया। इसकी हकीकत का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना ने फौरन इंफाल हवाई अड्डे के पास दो राफेल लड़ाकू विमानों को भेज दिया। इंफाल एयरपोर्ट पर यूएफओ देखे जाने की घटना दोपहर रविवार दोपहर करीब 2:30 बजे हुई, जिसके बाद सामान्य उड़ान सेवाएं भी प्रभावित हुईं। इंफाल एयरपोर्ट के पास यूएफओ के बारे में सूचना मिलने के तुरंत बाद सबसे नजदीकी एयरबेस से एक राफेल लड़ाकू विमान को फौरन यूएफओ की तलाश के लिए भेजा गया।
अभी तक यूएफओ की कोई जानकारी नहीं
वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि उन्नत सेंसर से लैस राफेल ने यूएफओ की तलाश के लिए संदिग्ध क्षेत्र में निचले स्तर पर उड़ान भरी, लेकिन उसे वहां कुछ नहीं मिला।” उन्होंने बताया कि पहले विमान के वापस लौटने के बाद एक दूसरे राफेल विमान को भेजा गया। दोनों विमानों ने यूएफए की तलाश अभियान किया, लेकिन यूएफओ को आसपास के इलाके में कहीं नहीं देखा गया।
यूएफओ को देखे जाने का वीडियो आया सामने
सेना के अधिकारी ने कहा, “संबंधित एजेंसियां यूएफओ का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि इंफाल हवाई अड्डे पर यूएफओ को देखा गया है और इसका वीडियो भी है।” वहीं, इंफाल एयरपोर्ट से उड़ान के लिए मंजूरी मिलने के तुरंत बाद, भारतीय वायु सेना के शिलांग मुख्यालय में मौजूद पूर्वी कमान ने कहा, “हमने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया है।
उड़ान भरने के बाद नहीं देखा गया यूएफओ
पूर्वी कमान ने एक्स पर कहा, “आईएएफ ने इंफाल हवाई अड्डे से वीडियो इनपुट के आधार पर अपने एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया, लेकिन इसके बाद अभी तक यूएफओ को नहीं देखा गया है हालांकि अभी भी यूएफओ की तलाश जारी है।
भारतीय वायु सेना के राफेल लड़ाकू विमान पश्चिम बंगाल के हाशिमारा हवाई अड्डे पर तैनात हैं और चीन बॉर्डर के साथ पूर्वी क्षेत्र के कई हवाई अड्डों से उड़ान भरते रहते हैं।
बता दें कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को दोपहर 2.30 बजे सीआईएसएफ से एक संदेश मिला था,जिसमें बताया गया कि हवाई अड्डे के पास एक यूएफओ पाया गया है। रविवार शाम चार बजे तक यूएफओ आंखों से हवाई क्षेत्र के पश्चिम की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा था।
क्या है यूएफओ
यूएफओ (UFO) unidentified flying object से यूएफओ को हम प्रचलित उड़न तश्तरी के नाम से जानते हैं। यूएफओ को पृथ्वी पर आने वाले विदेशी आगंतुकों का परिष्कृत अंतरिक्ष यान माना जाता है। इसलिए, यूएफओ शब्द का उपयोग किसी भी प्रकार की वस्तु या घटना को परिभाषित करने के लिए किया जाता है, जो पहले किसी क्षेत्र में नहीं देखी गई है। ये एक डिस्क की तरह की दिखाई देती हैं। यही कारण है कि इन्हें हम उड़न तश्तरी कहते हैं। कभी कभी ये केवल एक ही दिखाई देती है तो कभी कभी कई सारी उड़न तश्तरी हमें एक साथ उड़ती दिखाई देती हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं, इससे जुड़े कई सारे भ्रम हैं।
कहाँ से आते हैं यूएफओ?
ऐसा माना जाता है कि यूएफओ दूसरी दुनिया से आते हैं। यह “एलियंस” के हवाई जहाज़ माने जाते हैं, जिसमें वे ट्रेवल करते हैं। हालांकि, अभी तक यूएफओ के अस्तित्व को साबित करने वाले पुख्ता सबूत नहीं पाए गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही यूएफओ का अस्तित्व फिलहाल साबित नहीं हुआ हो, हमें ऐसी संभावनाओं को सिरे से खारिज नहीं करना सही नही है।
पहली बार कब देखा गया था यूएफओ?
24 जून 1947 को पहली बार ऐसा हुआ ता जब अमेरिका के वॉशिंगटन के पास कुछ उड़ता हुआ देखा गया। व्यवसायी केनेथ अर्नोल्ड ने दावा किया था कि उन्होंने वाशिंगटन में माउंट रेनियर के पास अपना विमान चलाते समय उच्च गति, अर्धचंद्राकार, उड़ने वाली वस्तुओं के एक समूह को देखा था। उस समय की इस घटना के बाद सनसनी मच गई थी। दावा किया गया कि 9 यूएफओ एकसाथ हवा में उड़ रहे थे। इसी घटना की वजह से 24 जून और 2 जुलाई को विश्व यूएफओ दिवस भी मनाया जाता है। तमाम रिसर्च के बावजूद अभी तक किसी भी तरह के एलियन या यूएफओ के होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रह्मांड में मौजूद संभावनाओं को देखते हुए किसी भी चीज को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।