उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल हादसा: प्रधानमंत्री मोदी लगातार ले रहे अपडेट, बचाव अभियान जारी
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को लेकर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर रख रहे हैं। इस सिलसिले में पीएम मोदी अब तक दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर अपडेट भी ले चुके हैं। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रेलमंत्री भी मुख्यमंत्री धामी से इस सिलसिले में बातचीत कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने ली विस्तार से जानकारी
मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की प्रधानमंत्री को विस्तार से जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि धामी स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। धामी का कहना है कि बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजने की व्यवस्था की गई है।
सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को निकालने के लिए प्लान ए, बी ,सी तैयार
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। उन्हें जल्द बाहर निकलने की कोशिश की जा रही है। इस रेस्क्यू पर मदद के लिए केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी और एक्सपर्ट मौके पर मौजूद हैं। सिल्क्यारा सुरंग में पिछले 48 घंटों से फंसे 40 श्रमिकों को निकालने के लिए प्लान ए, बी ,सी तैयार किया गया है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन पहुंच चुकी है।
ज्ञात हो, राज्य प्रशासन, राज्य आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा अन्य विभाग समन्वित प्रयासों से फंसे हुए लोगों को निकालने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
ह्यूम पाइप के जरिये श्रमिकों को निकालने की कोशिश
जिलाधिकारी अभिषेक ने बताया है कि 900 एमएम व्यास के पाइपों से ट्रक मध्यरात्रि से ही सिल्क्यारा पहुंचने शुरू हो गए हैं। भू-स्खलन से अवरुद्ध हिस्से में बड़े व्यास के एमएस पाइप डालकर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन को तय स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।
ज्ञात हो, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उत्तराखंड में चारधाम महामार्ग परियोजना के हिस्से के रूप में राडी पास क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री और यमुनोत्री आधार को जोड़ने के लिए सिल्क्यारा में 4.531 किलोमीटर लंबी दो लेन की द्वि-दिशात्मक सुरंग का निर्माण शुरू किया। इसी सुरंग में 12 नवंबर 2023 को सुबह 05:30 बजे लगभग 40 श्रमिक सुरंग के अंदर सिल्कयारा पोर्टल से 260 मीटर से 265 मीटर अंदर रिप्रोफाइलिंग का काम कर रहे थे, तभी सिल्कयारा पोर्टल से 205 मीटर से 260 मीटर की दूरी पर मिट्टी का धंसाव हुआ और ठेकेदार के सुरंग प्रविष्टि रजिस्टर के आधार पर सभी 40 श्रमिक अंदर फंस गए।
श्रमिकों को निकालने के लिए किए जा रहे उपाय
इस घटना की सूचना तुरंत राज्य और केंद्र सरकार की सभी संबंधित एजेंसियों को दी गई और राज्य प्रशासन, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सीमा सड़क संगठन और अन्य राज्य विभाग के समन्वित प्रयासों से उपलब्ध पाइपों के माध्यम से, सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीजन, पानी, बिजली, छोटे पैक भोजन की आपूर्ति के साथ बचाव कार्य शुरू किया गया। फंसे हुए श्रमिकों से वॉकी-टॉकी के माध्यम से भी संचार स्थापित किया गया है। श्रमिकों को शीघ्र निकालने/बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:
ध्वस्त सुरंग के 40 मीटर हिस्से के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई शुरू हो गई है।
अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को आरवीएनएल से कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया।
परियोजना प्राधिकरण के भू-तकनीकी विशेषज्ञ इंजीनियर, परियोजना ठेकेदार मेसर्स नवयुग, आरवीएनएल के भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एंड एफ)/निदेशक (टी)/कार्यकारी निदेशक (पी), सीजीएम एनएचएआई, जिला कलेक्टर और एसपी एसडीआरएफ पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया और बचाव कार्य की बारीकी से निगरानी की।
विशेषज्ञों के बीच चर्चा और घटनास्थल के निरीक्षण के बाद निम्नलिखित दो कार्रवाई की जा रही हैं:
a. शॉटक्रेटिंग के साथ-साथ गीली मिट्टी को हटाने का काम जारी रहा – 21 मीटर मिट्टी को हटाया गया। हालाँकि, मामूली मलबा गिरने से खुदाई 14 मीटर तक कम हो जाती है।
b. अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले एमएस स्टील पाइप को धकेला गया – श्रमिकों, राहत कार्य में लगने वाली सामग्री और मशीनरी की उपलब्धता की पहचान की गई और सिंचाई विभाग के विशेषज्ञों सहित इसे साथ आज शाम तक जुटाया गया।