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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल भारत-प्रशांत आर्थिक संरचना (आईपीईएफ) और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) के लीडर्स और मंत्रालयी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 13-16 नवंबर 2023 तक सैन फ्रांसिस्को का दौरा करेंगे

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल भारत-प्रशांत आर्थिक संरचना (आईपीईएफ) और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) के लीडर्स और मंत्रालयी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 13-16 नवंबर 2023 तक सैन फ्रांसिस्को का दौरा करेंगे
  • PublishedNovember 10, 2023

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्‍त्र मंत्री, श्री पीयूष गोयल भारत-प्रशांत आर्थिक संरचना (आईपीईएफ) और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) के विभिन्न आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 13 से 16 नवंबर 2023 तक अमरीका के सैन फ्रांसिस्को का दौरा करेंगे। वह दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध साझेदारी को और सुदृढ़ बनाने के लिए यात्रा के दौरान प्रतिष्ठित व्यापारिक व्यक्तियों, प्रमुख शिक्षाविदों, अमेरिकी अधिकारियों और उद्योग जगत की अग्रणी शख्‍सियतों के साथ परस्‍पर बातचीत भी करेंगे।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री 13-14 नवंबर, 2023 तक तीसरी व्यक्तिगत आईपीईएफ मंत्रालयी बैठक में भाग लेंगे, जिसमें वार्ता की प्रगति पर महत्वपूर्ण ताजा जानकारी प्राप्‍त होने की संभावना है। श्री गोयल आईपीईएफ मंत्रालयी बैठक के अवसर पर अमेरिकी वाणिज्य सचिव, यूएसटीआर और अन्य आईपीईएफ भागीदार देशों के मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

श्री गोयल 16 नवंबर, 2023 को आईपीईएफ लीडर्स मीटिंग और पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई) – आईपीईएफ इन्वेस्टर फोरम की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह 15 -16, नवंबर 2023 से एपीईसी आर्थिक नेताओं की बैठक में भी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत को 30वीं एपीईसी आर्थिक नेताओं की बैठक 2023 में अतिथि अर्थव्यवस्था के रूप में आमंत्रित किया गया है।

यात्रा के दौरान, वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमेरिकी वाणिज्य सचिव सुश्री जीना रायमोंडो, यूएसटीआर सुश्री कैथरीन ताई और विभिन्न क्षेत्रों तथा उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। ये बैठकें व्यापार बाधाओं को दूर करने, निवेश को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी एवं नवोन्‍मेषण जैसे क्षेत्रों में अधिक सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित होंगी।

इस दौरे का मुख्य केंद्र “भारत-यूएसए इनोवेशन हैंडशेक इनिशिएटिव” पर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री सुश्री जीना रायमोंडो की सह-अध्यक्षता में संयुक्त कार्यक्रम होगा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों की गतिशील स्टार्टअप इको-प्रणालियों को प्रोत्‍साहित करना और आपस में जोड़ना, सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं को दूर करना और विशेष रूप से उभरती प्रौद्योगिकियों में नवोन्‍मेषण और रोजगार वृद्धि को बढ़ावा देना है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सीईओ के साथ वन-टू-वन बैठक के साथ निवेशक गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लेंगे। वह छात्रों, उद्यमियों, उद्यम पूंजीपतियों और भारतीय प्रवासी आदि जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ भी परस्‍पर बातचीत करेंगे। उम्मीद है कि श्री गोयल विशेष रूप से सिलिकॉन वैली में खाड़ी क्षेत्र (बे एरिया) में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता और शैक्षणिक समुदायों के साथ बातचीत करेंगे, जिससे कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स (सेमीकंडक्टर सहित), प्रौद्योगिकी, फिनटेक आदि क्षेत्रों में निवेश या विस्तार करने की इच्छुक अमेरिकी कंपनियों के साथ केन्द्रित चर्चा आरंभ की जा सके।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 23 मई, 2022 को टोक्यो में अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जो बिडेन, जापान के प्रधानमंत्री श्री किशिदा फुमियो; और भारत-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देश के साथ आईपीईएफ शुभारंभ कार्यक्रम में भाग लिया था। 22 सितंबर 2022 को आयोजित पहली व्यक्तिगत मंत्रिस्तरीय बैठक में मूल-पाठ आधारित वार्ता की व्यापक रूपरेखा को रेखांकित करते हुए स्तंभ-वार मंत्रिस्तरीय बयान जारी किए गए थे। दिसंबर 2022 में, सभी चार स्तंभ समझौतों पर बातचीत शुरू की गई और मई 2023 में, स्तंभ- II समझौते पर बातचीत उल्‍लेखनीय रूप से संपन्न हुई।

क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ आईपीईएफ साझेदार देशों के बीच आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ बनाना चाहता है। यह ढांचा व्यापार (स्तंभ I); आपूर्ति श्रृंखला (स्तंभ II); स्वच्छ अर्थव्यवस्था (स्तंभ III); और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ IV) से संबंधित चार स्तंभों के आस-पास संरचित है ।

भारत एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है और क्षेत्र की वृद्धि तथा समृद्धि के लिए साझेदारों के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। यह ढांचा समावेशी है और भागीदार देशों को उनकी संबंधित प्राथमिकताओं के आधार पर स्तंभों के साथ जुड़ने के लिए आवश्‍यक लचीलेपन में सक्षम बनाता है।

भारत और अमेरिका दोनों स्वाभाविक साझेदार हैं और उनके बीच व्यापार संपूरकताएं, लंबे समय से चले आ रहे रणनीतिक और आर्थिक संबंध, लोगों का परस्‍पर संपर्क है तथा दोनों देशों में लोकतंत्र भी गतिशील है। दोनों देश क्‍वाड और आई2यू2 (भारत-इज़राइल/यूएई-यूएसए) जैसी अन्य संरचनाओं के तहत भी सहयोग कर रहे हैं। नेतृत्व-स्तर पर नियमित आदान-प्रदान द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार का एक अभिन्न अंग रहा है। यह यात्रा मजबूत और पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार तथा निवेश संबंध बनाने के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, जिससे न केवल भारत और अमेरिका दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा, बल्कि उनके संबंधित नागरिकों की समग्र समृद्धि और कल्याण में भी योगदान मिलेगा।