दिल्ली वायु प्रदूषण : वायु गुणवत्ता अभी भी ‘गंभीर’ श्रेणी में,कृत्रिम वर्षा की तैयारी
बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर आज से GRAP-4 को सख्ती पूर्वक लागू किया जायेगा। इसके अंतर्गत 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का प्रावधान है, जिसमें दिल्ली में ट्रक यातायात के प्रवेश पर प्रतिबंध (आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं को प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर), पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहनों पर (एचजीवी) के प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने अगले आदेश तक 50% सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘घर से काम’ नीति की भी घोषणा की है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार,राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता लगातार पांचवें दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 488 दर्ज की गई, जो एक दिन पहले 410 थी।
10 नवंबर तक बंद रहेंगे सभी प्राथमिक स्कूल
दिल्ली सरकार ने 10 नवंबर तक सभी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा,”चूंकि प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है, इसलिए दिल्ली में प्राथमिक स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद करने का निर्णय लिया गया है”। उन्होंने कहा कि कक्षा 6-12 के लिए, स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं में स्थानांतरित करने का विकल्प दिया जा रहा है।
ग्रैप का चौथा चरण लागू
इसी बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर आज GRAP-4 को सख्ती से लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है। इसके अंतर्गत 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का प्रावधान है, जिसमें दिल्ली में ट्रक यातायात के प्रवेश पर प्रतिबंध (आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं को प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर) सभी एलएनजी ,सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहनों पर (एचजीवी) के प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने अगले आदेश तक 50% सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘घर से काम’ नीति की भी घोषणा की है।
कृत्रिम बारिश की तैयारी
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी शीतकालीन कार्य योजना के लिए क्लाउड सीडिंग की तैयारी में है,आईआईटी के पास एक त्वरित-समाधान है, जिसमें शहर को “कृत्रिम बारिश” के साथ प्रदूषकों और धूल को को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि कृत्रिम बारिश के लिए विशिष्ट मौसम संबंधी स्थितियों की आवश्यकता होती है,जैसे पर्याप्त नमी वाले बादलों की उपस्थिति और उपयुक्त हवाएं इत्यादि। फिलहाल अभी राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश के लिए विमान उड़ानें हेतु DGCA गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार विशेष सुरक्षा समूह सहित कई जरूरी संस्थानों से अनुमोदन प्राप्त करना अभी शेष है।
इस परियोजना का नेतृत्व करने वाले आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मणिद्र अग्रवाल ने बताया कि कृत्रिम बारिश से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों को एक सप्ताह तक अस्थायी राहत प्रदान कर सकती है जो खराब वायु गुणवत्ता से पीड़ित हैं।