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केंद्र सरकार के न्यूनतम निर्यात मूल्य का दिखा असर, प्याज की कीमतों में आई गिरावट

केंद्र सरकार के न्यूनतम निर्यात मूल्य का दिखा असर, प्याज की कीमतों में आई गिरावट
  • PublishedOctober 31, 2023

शनिवार को 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू होने के बाद प्याज की थोक मंडी कीमतों में मामूली गिरावट आई है। दिल्ली आजादपुर मंडी जो फलों और सब्जियों के लिए एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार है, सोमवार को प्याज की कीमतें गिरकर 45-50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई,जो कुछ दिन पहले 55-60 रुपये प्रति किलोग्राम थी। हालांकि खुदरा बाजार में इसका असर कुछ समय बाद देखने को मिलेगा।

सोमवार को प्याज की अधिकतम कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम थी, तो वहीं दिल्ली में कुछ स्थानों पर 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रही थी। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अगले कुछ दिनों में कीमतों में गिरावट की उम्मीद है, जल्द ही राजस्थान,एमपी और महाराष्ट्र से प्याज की आपूर्ति की जायेगी।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा महाराष्ट्र के बाजारों में मूल्य सुधार पर एमईपी का तत्काल प्रभाव पड़ा है, जहां कीमतों में पिछले सप्ताह दर्ज की गई उच्चतम कीमत से 5% से 9% तक की गिरावट दर्ज की गई है। महाराष्ट्र के सभी बाजारों में प्याज की औसत कीमत में 4.5% की गिरावट आई है। यहाँ तक कि देश के प्याज बाजार के केंद्र महाराष्ट्र के लासलगांव में भी बेंचमार्क की कीमतों में भी गिरावट आई है।

सरकार ने लागू की न्यूनतम निर्यात मूल्य

प्याज की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी के बीच सरकार ने शनिवार को 31 दिसंबर तक प्याज पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया। इसका उद्देश्य प्रमुख उद्देश्य प्याज की कीमतों को नियंत्रित कर घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। यह निर्णय केंद्र द्वारा प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगाए जाने के बमुश्किल दो महीने बाद आया है, हालांकि निर्यात शुल्क में वृद्धि के बाद भी प्याज के निर्यात में कमी नहीं आई ।
अब, चूंकि निर्यात किए जाने वाले प्याज के लिए एमईपी लगभग 67 रुपये प्रति किलोग्राम है, इसलिए व्यापारियों के लिए इसे बाहर भेजना लगभग असंभव हो जाएगा। इसके प्याज की आपूर्ति के लिए सरकार ने बफर के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज की खरीद की भी घोषणा की है, जो पहले से खरीदे गए पांच लाख टन से अधिक है।