दिल्ली की वायु गुणवत्ता घटकर बहुत खराब श्रेणी में पहुँची, एक्यूआई 322 पर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में वाहनों के ईंधन,बायोमास के जलने धूल के कण आदि से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की थी। सफर इंडिया के आकड़ें बताते हैं कि AQI में पार्टिकुलेट मैटर10 (PM) का स्तर घटा है, पर PM2.5 के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है।
दिल्ली और नोएडा में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल है।
SAFAR-इंडिया की सोमवार को जारी नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 है,जबकि नोएडा में एक्यूआई 324 दर्ज की गई।15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना लागू होने के बावजूद वायु की गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है,ऐसे में इस परिस्थिति से निपटने के लिए नई दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन,गाड़ी ऑफ’ जैसे पहल को लागू कर दिया गया है। फिलहाल अभी 31 अक्टूबर तक एनसीआर क्षेत्र में ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता रहने का पूर्वानुमान है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) इंडिया के मुताबिक रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। रविवार शाम को दिल्ली में AQI 322 दर्ज किया गया,जबकि नोएडा में AQI 324 और गुरुग्राम में 314 दोनों ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में वाहनों के ईंधन,बायोमास के जलने धूल के कण आदि से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की थी। सफर इंडिया के आकड़ें बताते हैं कि AQI में पार्टिकुलेट मैटर10 (PM) का स्तर घटा है, पर PM2.5 के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। जिसका मतलब वाहनों के ईंधनों और बायोमास के जलने से वायु प्रदूषण का स्तर में इजाफा हुई है, जिसे कम करने के लिए गुरुवार को ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया गया है।
ग्रैप (GRAP) का दूसरा चरण लागू
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़े प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत सड़कों की सफाई और पानी छिड़काव किया जा रहा है।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि आसपास के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से बात की है,उन्होंने
आश्वासन दिया है कि पराली जलाने पर उचित कार्रवाई की जायेगी। दिवाली, पराली और दशहरे के कारण अगले 10 से 15 दिन वायु प्रदूषण के लिहाज से महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक
वायु गुणवत्ता सूचकांक जनता को वर्तमान वायु गुणवत्ता स्थिति को आसानी से समझने के लिए मानक शब्दों का प्रयोग एक उपकरण के रूप में किया जाता है। इसमें छह AQI श्रेणियाँ जिनमें “अच्छा संतोषजनक,मध्यम प्रदूषित,”खराब,बहुत खराब,और गंभीर शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक श्रेणी का निर्धारण परिवेशीय वायु प्रदूषकों की मात्रा और उनके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों के आधार पर किया जाता है, जिन्हें स्वास्थ्य ब्रेकप्वाइंट के कहा जाता है। AQI पैमाने के अनुसार,वायु गुणवत्ता निम्नलिखित श्रेणियों में आती है: 0 से 50 को “अच्छा” 51 से 100 को “संतोषजनक”, 101 से 200 को “मध्यम” माना जाता है, 201 से 300 को “खराब” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है । 301 से 400 को “बहुत खराब” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, और 401 से 450 को “गंभीर” के रूप में नामित किया गया है।