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पनडुब्बियों को बार-बार सांस लेने के लिए नहीं आना पड़ेगा ऊपर, कलवरी क्लास सबमरीन के लिए फ्रांस देगा लिथियम आयन बैटरी तकनीक

पनडुब्बियों को बार-बार सांस लेने के लिए नहीं आना पड़ेगा ऊपर, कलवरी क्लास सबमरीन के लिए फ्रांस देगा लिथियम आयन बैटरी तकनीक
  • PublishedOctober 23, 2023

भारत और फ्रांस रक्षा तकनीक से लेकर रक्षा हथियार के साझेदार हैं। इसी के तहत फ्रांस नेवल ग्रुप तीन नई कलवरी क्लास सबमरीन के लिए भारत के साथ लिथियम आयन बैटरी तकनीक साझा करेगा। इसके बाद मुंबई का मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) फ्रांसीसी लाइसेंस के साथ इन पनडुब्बियों का निर्माण भारत में करेगा।

लिथियम आयन बैटरी तकनीक करेगी साझा
फ्रांस नेवल ग्रुप ने आईएनएस कलवरी पर लगाए जाने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम तैयार करने को लेकर भी डीआरडीओ के साथ हाथ बढ़ाया है। नेवल ग्रुप फ्रांस के अध्यक्ष और सीईओ पियरे एरिक पॉमलेट ने बताया कि उनकी कंपनी 03 कलवरी क्लास की सबमरीन के लिए भारत के साथ लिथियम आयन बैटरी तकनीक साझा करेगी।

लिथियम आयन बैटरी की खासियत

–यह एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है

–इस बैटरी में इलेक्ट्रोड पदार्थ के रूप में अंतर्वेशित लिथियम यौगिक का उपयोग किया जाता है, जबकि नॉन-रिचार्जेबल लिथियम बैटरी में धातु सदृश लिथियम का उपयोग किया जाता है

–यह तकनीक साझा होने के बाद मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में फ्रांसीसी लाइसेंस के साथ पनडुब्बियों का निर्माण होने से टेक शेयरिंग और स्वदेशीकरण भी अधिक होगा

बढ़ेगी पनडुब्बी की मारक क्षमता
सीईओ पॉमलेट ने बताया कि आईएनएस कलवरी पर लगाया जाने वाला एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम भारत में ही डीआरडीओ तैयार करेगा। डीआरडीओ और नेवल ग्रुप फ्रांस ने इसकी डिजाइन के लिए सहयोग बढ़ाया है। डीआरडीओ की नौसेना सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएमआरएल) का फ्यूल सेल आधारित एआईपी सिस्टम जल्द ही आईएनएस कलवरी पर फिट होने के लिए तैयार हो जाएगा। एआईपी की वजह से डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी की मारक क्षमता बढ़ जाती है, क्योंकि इससे पनडुब्बी समुद्र की गहराई में ज्यादा दिनों तक रह सकती है और उसे बार-बार सांस लेने के लिए सतह पर नहीं आना पड़ता है।

आत्मनिर्भर भारत’ नीति के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता
ईंधन सेल आधारित एआईपी अन्य तकनीकों की तुलना में ज्यादा अद्वितीय है, क्योंकि इससे हाइड्रोजन ऑनबोर्ड उत्पन्न होता है। इस तकनीक को एनएमआरएल ने भारतीय उद्योग भागीदारों के समर्थन से विकसित किया है। डीआरडीओ और नेवल ग्रुप फ्रांस का यह नया प्रयास ऊर्जा मॉड्यूल के विस्तृत डिजाइन प्रमाणन की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होगा। नेवल ग्रुप के अध्यक्ष ने कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों में एआईपी को सुरक्षित रूप से एकीकृत करने के लिए एमडीएल की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पानी की गहराई में नौसेना समूह की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता के चलते फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक द्विपक्षीय सहयोग साझा किया गया है।