भारत रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से सुसज्जित, साइबर सुरक्षा जैसी नई सीमाओं के लिए है तैयार: जितेंद्र सिंह
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल ड्रोन, हेलिबोर्न ऑपरेशन और यूएवी सहित उन्नत हथियारों से सुसज्जित हैं और क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा जैसी नई सीमाओं के लिए तैयार हैं। भारत नई नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी देशों के समकक्ष है, जिनमें रक्षा परिदृश्य को बदलने की क्षमता है।
केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से सुसज्जित है और साइबर सुरक्षा जैसी नई सीमाओं के लिए तैयार हैं। यह बात डॉ. जितेंद्र सिंह रविवार, 22 अक्टूबर को नई दिल्ली में यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) द्वारा आयोजित भारतीय सैन्य विरासत समारोह को संबोधित करते वक्त कही। उन्होंने कहा कि यह अतीत की बात है जब हमारी सेनाएं पुराने अस्त्रों का उपयोग करती थीं। आज हम विश्व के उन सात विशिष्ट देशों में से हैं जो क्वांटम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल ड्रोन, हेलिबोर्न ऑपरेशन और यूएवी सहित उन्नत हथियारों से सुसज्जित हैं और क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा जैसी नई सीमाओं के लिए तैयार हैं। भारत नई नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी देशों के समकक्ष है, जिनमें रक्षा परिदृश्य को बदलने की क्षमता है।
यह पुरानी बात है जब हमारी सेनाएं पुराने अस्त्रों का उपयोग करती थीं। आज हम विश्व के उन सात विशिष्ट देशों में से हैं जो क्वांटम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। इस विजन के लिए पीएम मोदी ने इस वर्ष मार्च में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन शुरू किया है।
उन्होंने कहा भारत एक ऐसे राष्ट्र के रूप में स्थापित है जो अब नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि पुणे के आईआईएसईआर में स्थापित ‘आई-हब क्वांटम’, क्वांटम टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में काम कर रहा है और परमाणु इंटरफेरोमेट्री-आधारित सेंसिंग और नेविगेशन उपकरण विकसित कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आईआईटी मद्रास में आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन रक्षा कर्मियों के लिए एक सुरक्षित मोबाइल फोन विकसित करने पर काम कर रहा है। इसी तरह आईआईटी रुड़की में आईहब दिव्य संपर्क आईडीआर डूट एमके-1 की सहायता कर रहा है, जो आतंकवादी और अराजकता विरोधी और रूम इंटरवेंशन ऑपरेशन के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की मदद के लिए भारत का पहला स्वदेशी नैनो ड्रोन है।
पुणे के भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) में स्थापित ‘आई-हब क्वांटम’, क्वांटम टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में काम कर रहा है और परमाणु इंटरफेरोमेट्री-आधारित सेंसिंग और नेविगेशन उपकरण विकसित कर रहा है।