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कुपोषण दूर करने के लिए नया प्रोटोकॉल लॉन्च, 13 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लागू

कुपोषण दूर करने के लिए नया प्रोटोकॉल लॉन्च, 13 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लागू
  • PublishedOctober 11, 2023

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इनपुट के साथ 18 मंत्रालयों के समन्वय से महिला बाल विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का मसौदा तैयार किया है, जो कुपोषित बच्चों की पहचान और प्रबंधन के लिए विस्तृत उपाय प्रदान करता है।

बच्चों में कुपोषण दूर करने और उचित प्रबंधन करने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने एक प्रोटोकॉल लॉन्च किया। जिसे ‘बच्चों में कुपोषण के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल’ नाम दिया गया है। यह प्रोटोकॉल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर और एएनएम को कुपोषित बच्चों की पहचान और प्रबंधन के विस्तृत उपाय में मदद करेगा।

18 मंत्रालयों के समन्वय प्रोटोकॉल का मसौदा तैयार
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इनपुट के साथ 18 मंत्रालयों के समन्वय से महिला बाल विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का मसौदा तैयार किया है, जो कुपोषित बच्चों की पहचान और प्रबंधन के लिए विस्तृत उपाय प्रदान करता है। इसके तहत सामुदायिक हस्तक्षेप और चिकित्सीय हस्तक्षेप को अलग-अलग कर दिया गया है जिससे राष्ट्रीय पुनर्वास केन्द्र (NRC) का बोझ कम हो सकेगा।

13 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर होगा लागू
उन्होंने कहा कि 1970 के दशक से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के कुपोषण को कम करने की दिशा में मंथन चलता रहा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दिशा में पुख्ता कदम उठाए और नेशनल फ्लैगशिप मिशन बनाया। आज मंत्रालय ने 18 मंत्रालयों के समन्वय से देश की 13 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए प्रॉटोकॉल जारी किया है।

पोषण ट्रैकर से लाभार्थियों को हो रहा लाभ
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन महीने के अंदर पोषण ट्रैकर तैयार कर इसे देशभर में लागू किया गया। इस ट्रैकर के माध्यम से देश में 10.11 करोड़ लाभार्थियों में से 9.50 करोड़ लाभार्थियों का आधार वेरिफिकेशन भी किया जा चुका है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों में LED टीवी स्क्रीन लगाने पर काम
देश के आंगनबाड़ी केन्द्रों का उन्नयन करने के साथ सरकार ने इनमें निर्माण कार्यों के फंड को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये, शौचालयों के लिए 12 हजार से बढ़ा कर 36 हजार रुपये कर दिया गया है। पानी के लिए 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपये कर दिया गया है। आंकाक्षी जिलों में 40 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में एलईडी टीवी स्क्रीन लगाने पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1.16 हजार मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 42000 को अपग्रेड किया जा चुका है।

माइग्रेशन के बाद भी सुविधाओं का मिल रहा लाभ
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग के लिए 900 करोड़ रुपए सुनिश्चित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निगरानी के लिए जल्दी ही 5जी फोन दिए जाएंगे और ऐसी व्यवस्था की गई है कि हर चार साल में इन उपकरणों को बदला जा सके। पोषण ट्रैकर के माध्यम से देश में 1.2 लाख लाभार्थियों को माइग्रेशन के बाद भी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

7 करोड़ बच्चों का स्वास्थ्य किया गया ट्रैक
महिला एवं बाल विकास सचिव इंदेवर पांडे ने बच्चों में कुपोषण को कम करने के लिए किशोरियों में कुपोषण को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएसएच) के दिशा-निर्देश में बदलाव होने के बाद पोषण ट्रैकर के तहत 7 करोड़ बच्चों के स्वास्थ्य को ट्रैक किया गया। उन्होंने बताया कि सितंबर महीने में देशभर में 17 करोड़ 70 लाख गतिविधियों का आयोजन किया गया।