आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है: अमित शाह
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश के 60 करोड़ ऐसे लोगों, जिनके पास पूंजी नहीं है, की आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है। यह बात अमित शाह ने सोमवार, 9 अक्टूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित करते वक्त कही ।
शाह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा एनसीडीसी की क्षमता को पहचानते हुए इसे सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना के तहत परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। एनसीडीसी भारत सरकार की महत्वाकां योजनाओं जैसे 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन को बढ़ावा देने वाल कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है जो एफपीओ के रूप में नई सहकारी समितियों का पंजीकरण और उन्हें समर्थ- प्रदान करती है। एनसीडीसी प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मछली किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ) के गठन और संवर्धन के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी भी है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी को निर्यात, जैविक और बीज उत्पादन पर गठित तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि ये समितियां सहकारी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों की तरह अपने व्यवसाय में आगे बढ़ें। एनसीडीसी को शहरी सहकारी बैंक के प्रस्तावित छत्र संगठन में इक्विटी का पहला योगदानकर्ता भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, अपने गठन के बाद से, सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पिछले 27 महीनों में 52 पहल की है। शाह ने आगे कहा कि राज्य सरकारों की सहायता से एक राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस विकसित किया गया है, जिसमें देशभर की 8 लाख से अधिक सहकारी समितियों का व्यापक, प्रामाणिक और अपडेटेड डेटा उपलब्ध है।
अमित शाह ने देश में सहकारी विकास में मदद करने में एनसीडीसी की भूमिका की सराहना की और कहा कि कृषि विपणन एवं निवेश, प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड चेन और कृषि उपज के विपणन से, एनसीडीसी का दायरा समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रों को शामिल करने और देश में युवाओं की आय को बढ़ावा देने के लिए व्यापक हो गया है। उन्होंने कहा बताया कि देश में 8.9 लाख सहकारी समितियां हैं और 29 करोड़ किसान इनके सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी को निर्यात, जैविक और बीज उत्पादन पर गठित तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि ये समितियां सहकारी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों की तरह अपने व्यवसाय में आगे बढ़ें।