डीपीआईआईटी और गति शक्ति विश्वविद्यालय के मध्य समझौता, बुनियादी ढांचे को मिलेगा बढ़ावा
एमओयू के तहत, विश्वविद्यालय विभिन्न राज्यों के विभिन्न केंद्रों पर पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लाॅजिस्टिक्स नीति से संबंधित पाठ्यक्रम को डिजाइन, विकसित वितरित करने के लिए देश भर में नोडल एजेंसियां बनायेगी।इस विश्वविद्यालय में 15,000 छात्रों को विमानन-केंद्रित प्रशिक्षण देकर उन्हें टाटा-एयरबस द्वारा रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और गति शक्ति विश्वविद्यालय के मध्य बुधवार को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता हुआ ।
यह समझौता वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज चौधरी और डीपीआईआईटी के लॉजिस्टिक्स डिवीजन के संयुक्त सचिव ई श्रीनिवास के हस्ताक्षर से सम्पन्न हुआ ।
एमओयू के तहत, विश्वविद्यालय विभिन्न राज्यों के विभिन्न केंद्रों पर पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लाॅजिस्टिक्स नीति से संबंधित पाठ्यक्रम को डिजाइन, विकसित वितरित करने के लिए देश भर में नोडल एजेंसियां बनायेगी।इस विश्वविद्यालय में 15,000 छात्रों को विमानन-केंद्रित प्रशिक्षण देकर उन्हें टाटा-एयरबस द्वारा रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
गोयल ने कहा कि यहसमझौता पीएम गतिशक्ति में अकादमिक दृष्टिकोण लाएगा , जिससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी, कुशल लॉजिस्टिक्स और प्रतिस्पर्धी व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा ।
पीएम गति शक्ति के बारे में
आयात निर्यात व्यापार से संबंधित लॉजिस्टिक्स, सरकार की प्रमुख पहल पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 13 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था । इसे बुनियादी ढांचे के निर्माण और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए लाया गया था ।
गतिशक्ति विश्वविद्यालय भारत का पहला और रूस और चीन के बाद पूरी दुनिया में तीसरा रेलवे विश्वविद्यालय है, जिसे दिसंबर 2018 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था । पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ ढांचागत योजना को एकीकृत करता है।