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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी, रक्षा मंत्री ने कहा- आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी, रक्षा मंत्री ने कहा- आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश
  • PublishedOctober 5, 2023

रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी और उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश आगे बढ़ा है।

रक्षा और नवाचार में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) ने बुधवार को नई दिल्ली में दो दिवसीय सेमिनार ‘स्वावलंबन 2.0’ की शुरुआत की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना का स्वदेशीकरण रोडमैप ‘स्वावलंबन 2.0’ भी जारी किया। इस दौरान रक्षा मंत्री ने प्रगति मैदान के भारत मंडपम ऑडिटोरियम में नौसेना के दो दिवसीय सेमिनार ‘स्वावलंबन 2.0’ के पहले दिन कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की, जिसमें 98 आइटम शामिल करके उनके आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस सूची में अत्यधिक जटिल सिस्टम, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद को शामिल किया गया है। इन सभी वस्तुओं को अब अलग-अलग समय सीमा में स्वदेशी स्रोतों से ही खरीदा जाएगा।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी और उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश आगे बढ़ा है। उन्होंने देश को आत्मविश्वास से भरपूर मिशन मोड में आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व को श्रेय दिया। उन्होंने युवाओं को नए उत्पाद विकसित करने के लिए आई-डेक्स के मंच को सराहा, जो न केवल स्टार्ट-अप की प्रगति सुनिश्चित करता है, बल्कि देश के रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रमणों के कारण हम अपना दृष्टिकोण भूल गए थे। ‘स्थानीय’ शब्द निम्न गुणवत्ता का पर्याय बन गया था, इसलिए अब हम खुद को उस मानसिकता से मुक्त कर रहे हैं।

इन वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध

बता दें कि पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में उन महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों, हथियार प्रणाली एवं सेंसर और युद्ध सामग्री के अलावा प्रमुख प्रणालियों को शामिल किया गया है, जिन्हें भारत में ही विकसित किया जा रहा है और अगले पांच से दस वर्षों में पक्के ऑर्डर में तब्दील होने की संभावना है। प्रमुख वस्तुओं में फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहन, आर्टिकुलेटेड ऑल-टेरेन वाहन, सेना के लिए 2 किलो पेलोड के साथ 25 किलोमीटर तक दूर से संचालित वायुवाहित वाहन, नौसेना शिपबॉर्न मानव रहित हवाई प्रणाली, मीडियम अपग्रेड लो एंड्योरेंस क्लास टैक्टिकल ड्रोन, सेना के लिए इलेक्ट्रिक लाइट वाहन, मध्यम रेंज शामिल हैं।

इसी तरह तोपखाने के लिए सटीक मार प्रणाली, सेना के लिए अगली पीढ़ी के निम्न स्तर के प्रकाश रडार, स्वचालित रासायनिक एजेंट का पता लगाने और अलार्म प्रणाली, बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी) सुरक्षा और काउंटर उपाय प्रणाली, एआई आधारित उपग्रह छवि विश्लेषण, ऑप्टिक फाइबर आधारित नेटवर्क (200 किमी रेंज तक) के लिए क्वांटम कुंजी वितरण प्रणाली, नौसेना प्लेटफार्मों के लिए इलेक्ट्रो ऑप्टिक फायर कंट्रोल सिस्टम, वायु सेना के लिए मल्टीफंक्शन एविएशन ग्राउंड उपकरण, एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के लिए ग्रेविटी रोलर्स और पी-8आई और मिग 29-के विमान के फ़्लेयर को शामिल किया गया है।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना का स्वदेशीकरण रोडमैप ‘स्वावलंबन 2.0’ भी जारी किया। सेमिनार के दूसरे दिन गुरुवार को इस रोडमैप की बारीकियों को समझाने के लिए एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र की योजना बनाई गई है। रक्षा मंत्री का विचार था कि भारत हमेशा ज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर रहा है और जब 2014 में वर्तमान सरकार सत्ता में आई, तो उसने हर क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ होने की भावना को फिर से जगाया है।