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वायु सेना के बेड़े में शामिल हुआ C-295 विमान, पलक झपकते ही पहुंचेगी सेना

वायु सेना के बेड़े में शामिल हुआ C-295 विमान, पलक झपकते ही पहुंचेगी सेना
  • PublishedSeptember 26, 2023

भारत ने पहले C-295 परिवहन विमान को सोमवार को वायु सेना के बेड़े में शामिल कर लिया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विधि-विधान से पूजा करके C-295 विमान को वायु सेना के बेड़े में शामिल किया। अब इस विमान की मदद से सेना की रसद और अन्य क्षमताओं को अत्यधिक बढ़ावा मिल सकेगा।

रक्षा मंत्री को सौंपी विमान की इंडक्शन चाबी

भारत को यह विमान फ्रांस से मिला है। फिलहाल, इसी तरह के 15 और विमान फ्रांस से आना बाकी हैं। बता दें, पहले विमान C-295 को वायु सेना में शामिल किए जाने पर एक भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। यह भव्य कार्यक्रम एयर फोर्स के हिंडन एयरबेस पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री को विमान की इंडक्शन चाबी सौंपी। इस भव्य कार्यक्रम के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस से भारत को मिला पहला सी-295 परिवहन विमान औपचारिक रूप से वायु सेना के बेड़े में शामिल किया। राजनाथ सिंह ने विधि-विधान से पूजा करके विमान पर ‘स्वास्तिक’ का निशान बनाया।

15 और विमान फ्रांस से ‘फ्लाइंग मोड’ में आएंगे

ज्ञात हो पहला C-295 सैन्य परिवहन विमान फ्रांस की ‘एयरबस’ कंपनी ने 13 सितम्बर को भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को स्पेन के सेविले में सौंपा था। अब इसी तरह के 15 और विमान फ्रांस से ‘फ्लाइंग मोड’ में आएंगे जबकि 40 सैन्य परिवहन विमान टाटा कंपनी भारत में ही निर्माण करेगी।

आगरा में बनेगा ट्रेनिंग सेंटर

इस विमान को वायु सेना के ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी फ्रांस से मिस्र और बहरीन होते हुए उड़ाकर 20 सितंबर को भारत लाए और वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतारा। यह विमान सी -295 विमान आगरा एयरबेस पर तैनात होगा। वहां पर इसका ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जा रहा है। सी-295 एयरक्राफ्ट के लिए आगरा एयरबेस को इसलिए चुना गया है, क्योंकि इसे खासतौर पर पैराट्रूपर्स के लिए बनाया गया है।

10 वर्षों के भीतर भारत में बनेंगे 40 C-295 विमान

फ्रांसीसी कंपनी ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस’ के साथ पिछले साल 24 सितंबर को 56 C-295 सैन्य परिवहन विमानों का सौदा फाइनल हुआ था। इसी सौदे के तहत यह पहला विमान स्पेन में ही तैयार किया है। समझौते के मुताबिक कंपनी को 16 विमान स्पेन में तैयार करके भारत को ‘फ्लाइंग मोड’ में आपूर्ति करना है जबकि अन्य 40 विमानों का निर्माण दस वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम भारत में ही करेगा। भारत को पहला विमान मिलने के साथ ही अन्य 15 विमानों के ‘फ्लाइंग मोड’ में आपूर्ति होने का रास्ता साफ हो गया है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें निजी सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा।

वडोदरा में बन रही फैक्टरी

वहीं भारत में 40 विमानों का निर्माण करने के लिए टाटा कंसोर्टियम वडोदरा में फैक्टरी बना रहा है, जो 2026 तक बन जाएगी। टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 C-295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है। हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कांस्टीट्यूट एसेंबली है, जहां कई पार्ट्स बनाए जाएंगे। हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी। इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा, जहां इंजन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेट लगाकर C-295 विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बेहद जरूरी हैं, ताकि सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। यह विमान इंडियन एयरफोर्स के पुराने एचएस एरोस विमानों की जगह लेंगे। इसके अलावा यूक्रेन से आए एंतोनोव एएन-32 को बदला जाएगा।

सी-295 विमान की खासियत

यह मीडियम लिफ्ट सामरिक विमान बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है। इस विमान को दो लोग उड़ाते हैं और इसकी क्षमता 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट ले जाने की है। यह अधिकतम 9250 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है। इसकी गति अधिकतम 482 किलोमीटर प्रति घंटा है और अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसे टेक ऑफ करने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला और उतरने के लिए सिर्फ 420 मीटर का रनवे चाहिए। हथियार लगाने के लिए इसमें छह हार्ड प्वाइंट्स होते हैं। यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने के लिए दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन जगह होती हैं, जिसमें 800 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं। -295 के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की मध्यम लिफ्ट सामरिक क्षमता बढ़ेगी।