उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक पंजाब में होगी, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे अध्यक्षता
बैठक का आयोजन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालाय द्वारा पंजाब सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस बैठक में सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासक भाग लेंगे। इसके अलावा बैठक में राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, अमित शाह, मंगलवार, 26 सितम्बर 2023 को अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। बैठक का आयोजन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालाय द्वारा पंजाब सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस बैठक में सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासक भाग लेंगे। इसके अलावा बैठक में राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में पांच (5) क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं और क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं, जिनमे से एक मुख्यमंत्री (हर साल बारी-बारी से) उपाध्यक्ष होते हैं। राज्यपाल द्वारा प्रत्येक राज्य से 2 और मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है।
क्षेत्रीय परिषद विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देती है
क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से जून, 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 53 बैठकें हुईं है जिसमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 24 बैठकें शामिल है।
राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है
क्षेत्रीय परिषदों की प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों(FTSC) का कार्यान्वयन,प्रत्येक गांव के 5 किमी के भीतर बैंकों और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा,देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) का निर्माण, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करना, आयुष्मानभारत-प्रधानमंत्रीजनआरोग्ययोजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी और राष्ट्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल है।
बता दें कि क्षेत्रीय परिषदें व्यापक मुद्दों पर चर्चा करती हैं जिनमें भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, पंजाब विश्वविद्यालय में संबंधन (affiliation), PMGSY के तहत सड़क निर्माण कार्य, नहर परियोजना एवं जल बंटवारा, राज्य- पुनर्गठन से सम्बंधित मुद्दे, बुनियादी ढांचे के विकास में भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण और वन सम्बन्धी अनुमति,उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।
क्षेत्रीय परिषदों की बैठक में, स्थायी समिति द्वारा चुनी गयी प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की एक-एक गुड प्रैक्टिस का सदस्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुतीकरण भी किया जा रहा है।