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Chandrayaan-3: उगते सूरज के साथ फिर एक्टिव होगा विक्रम और रोवर, केंद्रीय मंत्री ने दी बड़ी जानकारी

Chandrayaan-3: उगते सूरज के साथ फिर एक्टिव होगा विक्रम और रोवर, केंद्रीय मंत्री ने दी बड़ी जानकारी
  • PublishedSeptember 22, 2023

चंद्रयान-3 के एक बार फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 का दूसरा चरण अब से कुछ घंटों बाद शुरू होगा, जब 14 दिनों के अंतराल के बाद चंद्रमा पर सुबह होगी। लोकसभा में “चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की अन्य उपलब्धियां” विषय पर बहस का जवाब देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 के सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ इसरो फिर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है ताकि उन्हें पुनर्जीवित किया जा सके और वैज्ञानिक प्रयोग जारी रखा सके।

दूसरा चरण शुरू होने पर दुनिया का पहला देश होगा भारत

उन्होंने कहा कि दोनों के संचार सर्किट सक्रिय होने के बाद भारत चंद्र मिशन का दूसरा चरण शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। रोवर और लैंडर को इस महीने की शुरुआत में 2 और 4 सितंबर को 14 दिनों की अवधि की चंद्र रात से पहले स्लीप मोड में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि रात में शून्य से 150 डिग्री नीचे से लेकर दिन के समय 100 डिग्री तक तापमान में भारी अंतर होता है, और इसलिए, उम्मीद और प्रार्थना की जा रही है कि सौर बैटरी और सौर पैनल चंद्रमा मिशन के अभूतपूर्व दूसरे चरण की शुरुआत में करने में मदद करेंगे।

कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इसरो के बजट में 2013-14 के 5,168 करोड़ रुपये से 142 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई और चालू वित्त वर्ष में यह 12,543 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह, सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों का बजट 2013-14 में 21,025 करोड़ से बढ़ाकर 2022-23 में 57,303 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो 172 प्रतिशत से अधिक की छलांग है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के थूथुक्कुडी में जल्द ही एक नए अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्टेशन का उद्घाटन किया जाएगा, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

जल्द एक्टिव होगा रोवर
बता दें कि चंद्रमा पर 14 से 15 दिन की रात और इतना ही दिन होते हैं। ऐसे में चांद पर रात होने के बाद इसरो ने रोवर को स्लिप मोड में कर दिया। अब जबकि चांद पर एक बार फिर से दिन होने को है तो वैज्ञानिक फिर से रोवर को एक्टिव करेंगे, जिससे वह और डाटा भेज सके।