चुनाव आयोग की अनोखी पहल: चाचा चौधरी और साबू समझाएंगे मतदाता को वोट डालने की अहमियत
निर्वाचन आयोग ने युवा मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के अपने अभियान में कॉमिक बुक ‘चाचा चौधरी और चुनावी दंगल’ को शामिल किया है। चाचा चौधरी कॉमिक्स की अपार लोकप्रियता को देखते हुए, एक अनूठी पहल “चाचा चौधरी और चुनावी दंगल” नामक एक कॉमिक बुक का विमोचन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे तथा अरुण गोयल द्वारा बुधवार, 20 सितंबर को निर्वाचन सदन में किया गया।
निर्वाचन आयोग ने युवा मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के अपने अभियान में कॉमिक बुक ‘चाचा चौधरी और चुनावी दंगल’ को शामिल किया है। चाचा चौधरी कॉमिक्स की अपार लोकप्रियता को देखते हुए, एक अनूठी पहल “चाचा चौधरी और चुनावी दंगल” नामक एक कॉमिक बुक का विमोचन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे तथा अरुण गोयल द्वारा बुधवार, 20 सितंबर को निर्वाचन सदन में किया गया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि डिजिटल मीडिया के इस युग में भी आउटरीच माध्यम के रूप में कॉमिक्स प्रासंगिक और विशिष्ट है। कॉमिक बुक “चाचा चौधरी और चुनावी दंगल” भारत निर्वाचन आयोग और प्राण कॉमिक्स की एक साझा पहल है। कॉमिक में चाचा चौधरी पाठकों को भारत के चुनाव आयोग द्वारा विकसित विभिन्न ऐप जैसे सीविजिल और केवाईसी से परिचित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे उन्हें चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय और सूचित भागीदार बनने के लिए सशक्त बनाया जाता है।
कॉमिक बच्चों को चुनाव प्रक्रिया की कल्पना करने में मदद करेगा
कॉमिक बुक ईसीआई और प्राण कॉमिक्स की एक संयुक्त पहल है जिसे युवाओं को लोकतंत्र के त्योहार में अपना नामांकन करने और भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट स्वर्गीय प्राण कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रतिष्ठित कार्टून पात्रों चाचा चौधरी, साबू, बिल्लू को दिखाया गया है। कॉमिक बुक ने नैतिक चुनाव, सहभागी लोकतंत्र, बाहुबल और धन बल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को बहुत ही स्पष्ट और पाठक के अनुकूल तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है ताकि बच्चों और वयस्कों को समान रूप से प्रभावित किया जा सके।
चुनाव से संबंधित जानकारी को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने का आकर्षक मंच
इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि डिजिटल मीडिया के इस युग में भी आउटरीच माध्यम के रूप में कॉमिक्स प्रासंगिक और विशिष्ट है। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि ये कॉमिक चरित्र, अपनी सार्वभौमिक अपील और ईमानदारी, दया और करुणा जैसे मूल्यों पर बल देने के साथ चुनाव से संबंधित जानकारी को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए एक आकर्षक मंच प्रदान करते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आगे कहा कि बच्चों और किशोरों के बीच एक महत्वपूर्ण अनुसरण के साथ यह माध्यम, चुनाव आयोग को युवाओं के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने में सक्षम बनाता है, जो कम उम्र से ही सूचित और जिम्मेदार नागरिकता की भावना को बढ़ावा देता है। कॉमिक बच्चों को चुनाव प्रक्रिया की कल्पना करने में मदद करेगा और यह पुरानी पीढ़ी को अपने पहले के दिनों को फिर से ताजा करने में भी मदद करेगा।
कॉमिक बुक युवा और भविष्य के मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में बढ़ी हुई भागीदारी के लिए प्रेरित करेगा
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि कॉमिक बुक ने नैतिक चुनाव, सहभागी लोकतंत्र, बाहुबल और धन बल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को बहुत ही स्पष्ट और पाठक के अनुकूल तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है ताकि बच्चों और वयस्कों को समान रूप से प्रभावित किया जा सके। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल कहा कि कॉमिक बुक में चुनाव प्रक्रिया के बारे में हास्य के साथ-साथ एक सकारात्मक और रचनात्मक संदेश है और यह युवा और भविष्य के मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में बढ़ी हुई भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।
कॉमिक प्रिंट और डिजिटल रूप में उपलब्ध
यह कॉमिक प्रिंट और डिजिटल दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है, जो सभी प्लेटफार्मों पर पहुंच सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, युवा मस्तिष्क को प्रेरित करने के लिए, स्कूलों में कॉमिक बुक की निशुल्क प्रतियां वितरित की जाएंगी, जिससे भविष्य के मतदाताओं को चुनावों के बारे में शिक्षित किया जाएगा। कॉमिक की डिजिटल कॉपी https://ecisveep.nic.in/files/file/2152-chacha-chaudhary-aur-chunavi-dan… पर देखी जा सकती है।
बता दे कि चाचा चौधरी की लोकप्रियता शहरों से परे है, जो पूरे भारत के छोटे शहरों और गांवों में गहराई से गूंजती है। 1960 में कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा द्वारा इसकी शुरुआत के बाद से चरित्र की स्थायी अपील समय की कसौटी पर खरी उतरी है और यह अनूठी पहल मतदाता जागरूकता के लिए एक समग्र दृष्टिकोण बनाते हुए पुरानी यादों के माध्यम से भावनात्मक संबंध का उपयोग करती है।