संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारत तीसरे नंबर पर, 6000 से अधिक भारतीय सैनिक तैनात
हाल ही में 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना ने अपने गठन के 70 वर्ष पूरे किए हैं। 29 मई, 1948 के बाद से विश्व भर में शांति की निगरानी के लिए इसका योगदान अतुलनीय रहा है
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत तीसरे नंबर पर है। 6 हजार से भी अधिक भारतीय सैनिक संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनात हैं, जिन्हें दुनियाभर के 11 मिशनों में तैनात किया गया है। यह जानकारी थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने दी है।
वैश्विक शांति कायम रखने में भारत की भूमिका
वहीं, हाल ही में 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना ने अपने गठन के 70 वर्ष पूरे किए हैं। 29 मई, 1948 के बाद से विश्व भर में शांति की निगरानी के लिए इसका योगदान अतुलनीय रहा है। तब से लेकर अब तक भारत ने इस संगठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस शांति सेना में सैन्य योगदान के नजरिये से विश्व के सभी देशों में भारत तीसरे स्थान पर है।
किन्हें मिला UN मिशन में भारतीय सेना की तैनाती का श्रेय ?
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने इस समय संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय सेना की तैनाती का श्रेय भारत के 16वें सेना प्रमुख जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स को दिया। जनरल मनोज पांडे मंगलवार को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में ‘यूक्रेन: युद्ध और गोलाबारी के बदलते चरित्र’ विषय पर व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।
यह कार्यक्रम पूर्व सेनाध्यक्ष और पंजाब के गवर्नर स्व. जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स की 90वीं जयंती पर आयोजित किया गया था। थल सेनाध्यक्ष जनरल पांडे ने यह भी याद किया कि जनरल रोड्रिग्स ने ही संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय सेना के जवानों की तैनाती को प्रोत्साहित किया।
दुनियाभर के 11 मिशनों में तैनात भारत के 6 हजार से अधिक सैनिक
सेनाध्यक्ष ने कहा कि जनरल रोड्रिग्स के कार्यकाल में ही शुरू हुई तैनाती वर्ष 1991 में मात्र आठ कर्मियों से बढ़कर वर्ष 1992 में 1000 और 1993 में 6300 हो गई। बांग्लादेश और नेपाल के बाद संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में तीसरे नंबर पर भारतीय सेना तैनात है। आज संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारतीय सैनिकों की संख्या 6000 से अधिक है, जिन्हें दुनियाभर में 11 मिशनों में तैनात किया गया है।
महिलाओं की सेना में भर्ती कब हुई थी शुरू ?
जनरल मनोज पांडे ने आगे कहा कि सेना प्रमुख के रूप में जनरल रोड्रिग्स ने ही भारतीय सेना की आधुनिकीकरण योजना को तेजी से आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि मेडिकल कोर के अलावा अन्य विभागों में महिला अधिकारियों को शामिल करना वर्ष 1992 में पहली बार शुरू हुआ, जब जनरल रोड्रिग्स थल सेनाध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि आज थल सेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1700 से अधिक है, जिनमें से 740 महिलाओं को स्थायी कमीशन प्रदान किया गया है और 114 महिलाओं को कमांड के कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। सैन्य पुलिस कोर में नियमित कैडर में 100 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। 100 नव नियुक्त महिलाओं को अग्निवीरों के रूप में शामिल किया गया है।
जनरल एसएफ रोड्रिग्स 1949 में भारतीय सैन्य अकादमी के संयुक्त सेवा विंग में शामिल हुए और 28 दिसंबर, 1952 को आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुए। उन्होंने वर्ष 1962 और 1965 के युद्धों में सक्रिय रूप से भाग लिया। जनरल रोड्रिग्स ने 01 जुलाई, 1990 से 1993 तक भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वह 30 जून, 1993 को सेवानिवृत्त हुए। अपने 40 साल के शानदार सफर में उन्होंने भारतीय सेना के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में दो कार्यकालों की सेवा की। वह 2004 से 2010 तक पंजाब के राज्यपाल भी रहे। अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी वह सामाजिक और साहित्यिक गतिविधि में भाग लेते थे। वह रणनीतिक मुद्दों पर कई वार्ताएं भी कर चुके थे। उनका निधन 04 मार्च, 2022 को हुआ था।