पीएम मोदी और तमाम सांसदों ने नई संसद से किया नए भविष्य का श्री गणेश
96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का आज आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबके साथ फोटो खिंचाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लोकसभा और राज्यसभा के तमाम सांसदों ने मंगलवार दोपहर को पुराने संसद भवन को अलविदा कर नए संसद भवन की इमारत में प्रवेश किया। इसी के साथ पुरातन से नवीनतम की ओर संगम की तमाम तस्वीरें सोशल मीडिया और खबरों में प्रसारित होने लगी।
96 साल पुरानी संसद में कार्यवाही का कैसा रहा आखिरी दिन ?
बताना चाहेंगे संसद की 96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का आज आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबके साथ फोटो खिंचाई। इसके बाद तमाम सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे।
अपने अनुभव साझा करते हुए कुछ सांसद हुए भावुक
सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा। पीएम मोदी ने मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान संसद को नई इमारत में शिफ्ट करने से पहले सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित करते हुए गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के संकल्प और दृढ़ संकल्प के साथ नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
नई ऊर्जा और नए संचार के साथ नई संसद काम करती आएगी नजर
अब नई ऊर्जा और नए संचार के साथ नई संसद काम करती नजर आएगी। वहीं इससे एक दिन पूर्व सोमवार को पीएम मोदी ने पुरानी संसद भवन में दिए संबोधन में इसका जिक्र भी किया था। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा था कि पुराने संसद भवन में 75 वर्षों का एक स्वर्णिम सफर रहा है।
संसद के दोनों सदनों को नई इमारत में शिफ्ट किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, पुराने संसद भवन को विदाई देना बेहद भावुक पल है। उन्होंने यह भी कहा, पुरानी इमारत आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेगी क्योंकि यह भारतीय लोकतंत्र की यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने कहा कि इस संसद भवन के 75 साल के इतिहास में देश ने नए भारत के निर्माण से जुड़ी अनगिनत घटनाएं देखी हैं।
पुराने संसद भवन का अब क्या होगा ?
वहीं, अब पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा। पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के नाम से पुकारे जाने का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इस भवन को पुरानी संसद कहकर नहीं छोड़ना चाहिए। मैं उपराष्ट्रपति महोदय और स्पीकर महोदय से प्रार्थना करूंगा कि भविष्य में इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए।”
नए भवन में पहले हुई लोकसभा की बैठक
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन आज मंगलवार को लोकसभा दोपहर 1.15 बजे नए भवन में एकत्रित हुई, जबकि राज्यसभा की बैठक दोपहर 2.15 बजे हुई लेकिन हंगामे के बीच राज्यसभा की बैठक को स्थगित करना पड़ा।
कैसा है नए संसद भवन का पूरा परिसर ?
गौरतलब हो, 65 हजार वर्ग मीटर में फैला नया संसद भवन का पूरा परिसर क्षेत्रीय कला, शिल्प और सांस्कृतिक रूपांकनों को एकीकृत करता है, जो आधुनिक भारत को परिभाषित करने वाली विविधता और जीवंतता का सम्मान करता है।
इसमें लोकसभा हॉल, जिसका तीन गुना विस्तार हुआ है, 888 सीटों के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है। लोकसभा हॉल के बगल में ही राज्यसभा हॉल है, जिसमें 384 लोगों के बैठने की क्षमता है। यह नया संसद भवन पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर देता है और इसे हरित भवनों के लिए प्लैटिनम रेटिंग प्राप्त हुई है।
नया संसद भवन दिव्यांगों के अनुकूल है, जो सभी के लिए पहुंच सुनिश्चित करता है। यह शानदार संरचना न केवल प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है बल्कि हमारे राष्ट्र की विकसित होती भावना का भी प्रतिनिधित्व करती है और हमें एक मजबूत, अधिक समावेशी और समृद्ध भारत की ओर मार्गदर्शन करती है।