रक्षा मंत्री का घरेलू रक्षा निर्माताओं से अधिक निवेश का आह्वान, अनुसंधान और विकास पर फोकस का आग्रह
जम्मू में भारतीय सेना की उत्तरी कमान, सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) और आईआईटी, जम्मू द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नॉर्थ टेक सेमिनार को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कही ये बातें…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा निर्माताओं से और अधिक निवेश का आह्वान किया है। इस संबंध में रक्षा मंत्री ने उद्योग भागीदारों से कुशल मानव संसाधनों के आधार पर अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने वाली संस्कृति बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। उन्होंने मंगलवार को घरेलू रक्षा निर्माताओं से इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करने का आह्वान किया है ताकि भारत निरंतर विकसित हो रही दुनिया के साथ गति से चल सके।
सेमिनार में रक्षा मंत्री ने कही ये बातें
जम्मू में भारतीय सेना की उत्तरी कमान, सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) और आईआईटी, जम्मू द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नॉर्थ टेक सेमिनार को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का विचार था कि यद्यपि अनुसंधान एवं विकास एक जोखिम भरा उद्यम है लेकिन कभी-कभी अपनी सोच से ऊपर उठकर जोखिम लेना वांछित परिणाम नहीं देता है, फिर भी यह किसी भी देश के विकास के लिए बुनियादी तत्वों में से एक बनी हुई है। इसलिए अनुसंधान एवं विकास में पूंजी निवेश एक आवश्यकता बन जाती है।
देश के लिए फायदेमंद
मंत्री ने कहा कि भारत एक संक्रमणकालीन दौर से गुजर रहा है। नकल या हस्तांतरण के माध्यम से प्रौद्योगिकी हासिल करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन केवल इन आधारों पर हम एक विकसित राष्ट्र नहीं बन सकते हैं। हमें अपने स्वयं के पेटेंट दाखिल करने की आवश्यकता है, जिसके लिए अनुसंधान एवं विकास में बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता है। अनुसंधान एवं विकास में पूंजी निवेश आज के मुनाफे को कम कर सकता है, लेकिन यह लंबी अवधि में उद्योग और देश के लिए फायदेमंद साबित होगा।
भारत की विकास कहानी का हिस्सा
उन्होंने क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए आईआईटी, आईआईएम और आईआईएससी जैसे संस्थानों के काम को रक्षा क्षेत्र से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र, उन इंजीनियरों और वैज्ञानिकों से जुड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए जो विदेशों में शीर्ष विश्वविद्यालयों, कंपनियों, अंतरिक्ष एजेंसियों और वैज्ञानिक अनुसंधान संगठनों में काम करते हैं और भारत की विकास कहानी का हिस्सा बनना चाहते हैं।
महिलाओं को अनुसंधान एवं विकास में शामिल करने की आवश्यकता
उन्होंने अनुसंधान एवं विकास के लिए अनुकूल संस्कृति बनाने के लिए देश और विदेश से शीर्ष प्रबंधकों, कानूनी विशेषज्ञों और वित्तीय विशेषज्ञों को नियुक्त करने की भी सिफारिश की। रक्षा मंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि शीर्ष प्रतिभाओं की सेवाएं प्राप्त करने के लिए एक अच्छी कार्य संस्कृति और सकारात्मक माहौल बनाने और नए मानव संसाधन मानकों को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम 21वीं सदी में अपने कार्यबल को 19वीं सदी की मानव संसाधन नीति के आधार पर नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि आज काम की गुणवत्ता काम के घंटों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है। बुद्धि और नवप्रवर्तन पर ध्यान देना चाहिए। एक ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करने की जरूरत है जहां सीनियर और जूनियर की अवधारणा हो; श्रेष्ठ और निम्न नहीं। महिलाओं को अधिक प्रभावशीलता के साथ अनुसंधान एवं विकास में शामिल करने की आवश्यकता है।
स्वामित्व और प्रबंधन में उचित अंतर सुनिश्चित करने का भी किया आह्वान
रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने भारतीय औद्योगिक इकाइयों में स्वामित्व और प्रबंधन में उचित अंतर सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कंपनियों के मामले में वंशवादी स्वामित्व को उचित ठहराया जा सकता है, लेकिन वंशवादी स्तर पर प्रबंधन कभी-कभी कंपनी और उसके कर्मचारियों के लिए घातक साबित होता है।
कंपनियों के उत्पादों के मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र निकाय का किया आह्वान
उन्होंने एसआईडीएम से एक स्वतंत्र निकाय बनाने का भी आह्वान किया, जिसमें उद्योग के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल हों, जो पारदर्शिता के साथ काम करेगा और कंपनियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का मूल्यांकन करेगा। उन्होंने कहा कि खरीदार या सरकार निश्चित रूप से अपनी ओर से उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने की कोशिश करेगी, लेकिन आंतरिक मूल्यांकन के लिए भी एक प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है। यह गुणवत्ता जांच प्रणाली समय के साथ विश्व स्तर पर आपकी विश्वसनीयता बढ़ाएगी।
संस्थानों में लोगों का भरोसा और बढ़ेगा
रक्षा मंत्री ने भ्रष्टाचार और पक्षपात के संभावित मामलों का मुकाबला करने के लिए एसआईडीएम को एक आंतरिक सतर्कता तंत्र बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अगर आपसे जुड़ी कोई कंपनी किसी गलत काम में लिप्त है या गलत जानकारी दे रही है, तो आपको इसे सरकार के सामने लाना चाहिए। इस तरह की कार्रवाइयों से संस्थानों में लोगों का भरोसा और बढ़ेगा।
रक्षा मंत्री ने घरेलू उद्योग को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया, जैसे मांग आश्वासन सुनिश्चित करने के साथ-साथ डीआरडीओ की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नीति को लागू करना।
2023-24 में हुआ 1 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन
उन्होंने कहा कि सरकार और घरेलू कंपनियों के बीच तालमेल से वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन और 16,000 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रक्षा निर्यात जल्द ही 20,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को छू जाएगा और आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप, देश के समग्र विकास के साथ-साथ उद्योग को रक्षा मंत्रालय का निरंतर समर्थन भी मिलेगा।
ज्ञात हो, नॉर्थ टेक सेमिनार प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है और इस वर्ष इसका आयोजन आईआईटी, जम्मू में किया गया। इस आयोजन में लगभग 200 उद्योग भागीदारों की उत्साही भागीदारी देखी गई और आत्मनिर्भर भारत के तहत निर्माताओं के पास उपलब्ध समकालीन प्रौद्योगिकियों और हार्डवेयर समाधानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच ज्ञान प्रसार का अवसर प्रदान किया गया।
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने भारत फोर्ज लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड और आइडिया फोर्ज टेक्नोलॉजी लिमिटेड सहित कई उद्योग भागीदारों को एसआईडीएम चौंपियन पुरस्कार 2023 भी प्रदान किए।