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G20: भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार देंगे अपनी प्रस्तुति, ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ गीत की भी होगी प्रस्तुति

G20: भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार देंगे अपनी प्रस्तुति, ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ गीत की भी होगी प्रस्तुति
  • PublishedSeptember 8, 2023

G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए सभी मेहमानों को भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संगीत की झलक देखने को मिलेगी। इसी क्रम में शिखर सम्मेलन के दौरान 9 सितंबर की शाम को भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुति देंगे।

इतना ही नहीं खास बात ये है कि तीन घंटे के कार्यक्रम की समाप्ति मिले सुर मेरा तुम्हारा गीत से होगा। इस संगीतमय शाम में भारत वाद्य दर्शन अनूठी संगीत की प्रस्तुति की जाएगी, जो भारतीय संगीत के माध्यम से भारत की एक सामंजस्यपूर्ण यात्रा है। इस कार्यक्रम में सिर्फ शास्त्रीय और लोकधुन को जगह दी गयी है। कार्यक्रम की परिकल्पना संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ संध्या पुरेचा की है।

संगीत समागम तीन भागों में बांटा गया
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार भारत यात्रा संगीत समागम के इस अनूठे कार्यक्रम को तीन भागों में बांटा गया है। प्रदर्शन धीमी लय से मध्यम और फिर तेज लय की गति में होंगे। भारत वाद्य दर्शन की परिकल्पना वाद्य संगीत प्रदर्शनों के एक क्रम में दर्शकों को देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि संगीत के माध्यम से भारत की डेढ़ घंटे की यात्रा पर ले जाया जाएगा। प्रत्येक समूह अपने विभिन्न वाद्य यंत्रों, जैसे स्ट्रिंग वाद्य यंत्र, वाद्य यंत्र झिल्ली, वायु वाद्य यंत्र और धातु वाद्ययंत्र के साथ प्रदर्शन करेंगे।

34 भारतीय संगीत वाद्ययंत्र से होगी प्रस्तुति
मंत्रालय के अनुसार प्रस्तुति के दौरान विचित्र वीणा, रुद्र वीणा, सुरबहार, जलतरंग, नलतरंग, सरस्वती वीणा, धंगली, भपंग, सुंदरी और दिलरुबा जैसे कई दुर्लभ वाद्य यंत्र प्रदर्शित किए जाएंगे। कुल मिलाकर इसमें 34 भारतीय संगीत वाद्ययंत्र, 18 कर्नाटक संगीत वाद्ययंत्र और भारतीय राज्यों के कुल 78 कलाकार शामिल किए गए हैं। इनमें 26 लोक संगीत वाद्य यंत्रों का समावेश होगा, जिसमें 11 बच्चों, 13 महिलाओं, 6 दिव्यांग कलाकार, 22 पेशेवर और 26 युवा शामिल हैं।

रवीन्द्रनाथ टैगोर का प्रसिद्ध गीत एकला चलो रे की भी प्रस्तुति
इस संगीतमय प्रस्तुति में रवीन्द्रनाथ टैगोर का प्रसिद्ध गीत एकला चलो रे की भी प्रस्तुति के साथ राजस्थानी लोक कलाकार वहां का लोक संगीत पेश करेंगे। गुजरात और दक्षिण भारत के संगीत और लोक धुनों को भी कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम को कुछ इस तरह तैयार किया गया है, जिसमें अलग-अलग प्रदेशों और भाषाओं के गीत-संगीत से विदेशी मेहमान रूबरू हो सकें। इसमें लोक संगीत के साथ ही शास्त्रीय संगीत भी होगा।