World Cup: धोनी नहीं तो क्या गम! शागिर्द खत्म करेगा 12 साल का इंतजार? पाकिस्तान के खिलाफ दिखाया था अपना ट्रेलर
नई दिल्ली. महेंद्र सिंह धोनी जैसा कोई नहीं हो सकता है. एक खिलाड़ी, कप्तान और खेल के जानकार के रूप में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, उस तक पहुंचना आसान नहीं लेकिन धोनी के नक्शेकदम या माही जैसा बनने की कोशिश तो की ही जा सकती है और अगले महीने होने वाले वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को दूसरे धोनी की जरूरत पड़ेगी. अच्छी बात ये है कि माही को अपना आइडल मानने वाला खिलाड़ी इस रोल के लिए तैयार हो रहा है. हम बात कर रहे हैं हार्दिक पंड्या की, जिन्हें वनडे वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का उपकप्तान बनाया गया है.
पंड्या खुद कह चुके हैं कि वो वनडे क्रिकेट में धोनी वाला रोल निभाने को तैयार हैं और लिमिटेड ओवर क्रिकेट में लीडरशिप मिलने के बाद से ही पहले के मुकाबले ज्यादा जिम्मेदार हो गए हैं. एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ हुए ओपनिंग मैच में पंड्या ने 87 रन की पारी खेल ये साबित कर दिया कि धोनी के रोल में फिट और हिट होने के लिए वो सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
धोनी का रोल निभाना पंड्या के लिए आसान नहीं
टीम इंडिया के लिए महेंद्र सिंह धोनी ने जो भूमिका सालों-साल निभाई, उस पर खरा उतरना पंड्या के लिए भी आसान नहीं होगा. क्योंकि धोनी टीम इंडिया के लिए सिर्फ फिनिशर का नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर एंकर का रोल भी निभाते थे और कई मौकों पर तो विकेट बचाने के लिए धीमा भी खेलते थे. पाकिस्तान के खिलाफ पंड्या की 87 रन की पारी बिल्कुल धोनी की रणनीति से मेल खाती है. इसमें नपा-तुला जोखिम, आक्रामकता और डिफेंसिव खेल सब कुछ था.
पंड्या ने पाकिस्तान के खिलाफ खेली कूल-कूल पारी
पाकिस्तान के खिलाफ हार्दिक उस वक्त बैटिंग के लिए उतरे थे, जब भारत के 66 रन पर 4 विकेट गिर चुके थे और 35 ओवर का खेल बाकी था. उस समय ऐसे बैटर की दरकार थी, जो भारतीय पारी को जितना संभव हो सके, उतना लंबा खींच ले जाए और पंड्या ने बड़ी आसानी से ये कर दिखाया. जबकि विकेट में दोहरा उछाल था. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज कहर बरपा रहे थे लेकिन पंड्या ने धोनी की तरह खूंटा गाड़ दिया थी और टीम को संकट से उबारने के बाद ही लौटे.
पंड्या अब धोनी की तरह परिस्थिति को भांपकर खेल रहे
पंड्या ने इस पारी के दौरान पिच का मिजाज जल्दी भांप लिया था. उन्हें पता था कि दोहरे उछाले वाले विकेट पर सामने की तरफ शॉट लगाना आसान नहीं होगा तो उन्होंने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ स्वीप का खूब इस्तेमाल किया. तेज रफ्तार गेंदबाज आए तो उनके कोण का इस्तेमाल कर गेंद को स्क्वेयर ऑफ द विकेट दौड़ाया. वो शादाब खान और मोहम्मद नवाज के झांसे में नहीं आए. ऐसा नहीं था कि पंड्या इन दोनों गेंदबाजों के खिलाफ बड़े शॉट नहीं खेल सकते थे लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए उन्होंने बिल्कुल धोनी की तरह बैटिंग की. पंड्या ने छक्का लगाने के लिए अपनी पारी की 72वीं गेंद का इंतजार किया. उन्होंने धोनी की तरह एक-एक दो-दो रन लेकर स्कोरबोर्ड चलाए रखा. पंड्या ने 87 में से 53 रन सिंगल-डबल से हासिल किए.