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हर साल 23 अगस्त को ‘नेशनल स्पेस डे’ के तौर पर मनाया जाएगा

हर साल 23 अगस्त को ‘नेशनल स्पेस डे’ के तौर पर मनाया जाएगा
  • PublishedAugust 30, 2023

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग को चिह्नित करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में घोषित किया।

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के मौके पर पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है। केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस खुशी में शामिल होते हुए इस मौके पर 23 अगस्त को “नेशनल स्पेस डे” के रूप में मनाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर चंद्रयान-3 मिशन के लिए काम करने वाले इसरो वैज्ञानिकों की ऐतिहासिक सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि कैबिनेट चंद्रयान और इसरो के वैज्ञानिकों को सलाम करती है। यह सिर्फ हमारी स्पेस एजेंसी की ही सफलता नहीं है, बल्कि भारत की प्रगति और ग्लोबल स्टेज पर हमारी ताकत का भी प्रतीक है।

ISRO के प्रयासों को बधाई

कैबिनेट ने ISRO के प्रयासों के लिए उसे बधाई देते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयासों की वजह से भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रमा पर उतरना, वो भी पूर्व निर्धारित पैरामीटर्स पर पूरी तरह खरा उतरते हुए, अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। तमाम चुनौतियों को पार करते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरना इस भावना का प्रतीक है कि कैसे हमारे वैज्ञानिक ज्ञान की खोज के लिए हर सीमा के पार जाने के लिए तैयार रहते हैं। प्रज्ञान रोवर के द्वारा हमें जो जानकारियों का खजाना मिल रहा है, उससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होगी, नई खोज का मार्ग बनेगा और चंद्रमा के रहस्यों को समझने और उसके भी पार जाने में मदद मिलेगी।

महिला वैज्ञानिकों की सराहना की

भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कैबिनेट ने कहा कि हमें गर्व है कि चंद्रयान-3 की सफलता में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह सफलता आने वाले वर्षों में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों को प्रेरित करती रहेगी। कैबिनेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को इंडियन स्पेस प्रोग्राम के प्रति उनके विजन और लीडरशिप के लिए बधाई देती है। उनके नेतृत्व में इंडियन स्पेस प्रोग्राम पूरी मानवता के कल्याण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री के अटूट भरोसे ने हर बार हमारे वैज्ञानिकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा साइंस और इनोवेशन को दी प्राथमिकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा साइंस और इनोवेशन को प्राथमिकता दी है। पिछले 9 वर्षों में देश में निरंतर ऐसे निर्णय लिए गए हैं, नीतियां बनाई गई हैं जिन्होंने भारत में इनोवेशन और रिसर्च को आसान बनाया है। प्रधानमंत्री जी ने ये सुनिश्चित किया है कि स्पेस सेक्टर में हमारे स्टार्टअप्स और प्राइवेट कंपनियों को नए अवसर मिल सके। बेंगलुरू के इसरो सेंटर पर वैज्ञानिकों से बात करते हुए, नेशनल हैकॉथॉन का जो विचार माननीय प्रधानमंत्री जी ने रखा है, उससे भी युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

गौरवशाली इतिहास और आधुनिकता की भावना का समावेश

कैबिनेट ने चंद्रयान मिशन से जुड़े दो महत्वपूर्ण Points का नाम तिरंगा (चंद्रयान-2 के पदचिन्ह जहां पड़े) और ‘शिवशक्ति’ (चंद्रयान-3 जहां उतरा) रखने का भी स्वागत करते हुए कहा कि ये नाम हमारे गौरवशाली इतिहास और आधुनिकता की भावना दोनों के अनुरूप हैं। ये सिर्फ दो नाम नहीं हैं, बल्कि ये हमारी हजारों वर्ष पुरानी विरासत और आज की वैज्ञानिक आकांक्षाओं वाले भारत को एक सूत्र में पिरोती हैं। चंद्रयान-3 की सफलता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘जय विज्ञान-जय अनुसंधान’ की भी सफलता है। इस सफलता से हमारे स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए Space Sector में नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं तैयार हुई हैं। आने वाले वक्त में Space Sector नए Inventions का और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर वसुधैव कुटुंबकम की भावना को सिद्ध किया है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मिली जानकारियां, पूरी मानव जाति खासकर ग्लोबल साउथ के लिए बेहद लाभकारी होंगी। भारत में हो रहा विकास, पूरी दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा।