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जी-20 की भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक हम सभी के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने की सामूहिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का अवसर है: डॉ. जितेंद्र सिंह

जी-20 की भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक हम सभी के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने की सामूहिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का अवसर है: डॉ. जितेंद्र सिंह
  • PublishedAugust 12, 2023

कार्मिक और प्रशासनिक सुधार मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की लड़ाई को दोहराया और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के आह्वान को रेखांकित किया। उन्होंने वर्ष 2018 में जी-20 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत भगोड़े आर्थिक अपराधियों से संबंधित 9 सूत्री एजेंडे को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि जी-20 भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक हम सभी के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने की सामूहिक और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का भारत का दृष्टिकोण भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के हमारे दृष्टिकोण का भी मार्गदर्शन करता है।

कोलकाता में 9-11 अगस्त, 2023 तक भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की तीसरी और अंतिम बैठक के बाद कोलकाता मंत्रिस्तरीय बैठक हुई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “मैं संपत्ति वसूली और पारस्परिक कानूनी सहायता से संबंधित दिशानिर्देशों में बदलाव के लिए जी-20 एसीडब्ल्यूजी सदस्यों द्वारा किए गए प्रयासों से प्रभावित हूं, जिससे मौजूदा जानकारियों की उपयोगिता में बढ़ोतरी होगी। मैं पारस्परिक कानूनी सहायता के एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर जवाबदेही रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की दिशा में काम किए जाने का भी स्वागत करता हूं। इसके निष्कर्ष और सिफारिशें अंतर्राष्ट्रीय अपराध का मुकाबला करने और वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने में देशों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने व मजबूती लाने में बहुत उपयोगी होंगे। भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खतरे से निपटने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम हैं।”

उन्होंने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि वे सजा से बचने के लिए विभिन्न देशों की कानूनी और वित्तीय प्रणालियों में मौजूद खामियों का फायदा उठाने में सक्षम होते हैं।

उन्होंने कहा, “भगोड़े आर्थिक अपराधी अपने देश में गंभीर आर्थिक अपराध करते हैं और गिरफ्तारी, अभियोजन या अपनी सजा से बचने के लिए दूसरे देशों में भाग जाते हैं। आर्थिक अपराधों में धोखाधड़ी, कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन जैसी अवैध गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। उनकी हरकतें कानून के शासन को कमजोर करती हैं, आर्थिक विकास को बाधित करती हैं और अक्सर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत 9 सूत्रीय एजेंडे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “इसमें सभी भगोड़े आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित पनाहगाह से वंचित करने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं और तंत्रों में जी-20 देशों के बीच मजबूत और सक्रिय सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के प्रभावी कार्यान्वयन, सूचनाओं के समय पर और व्यापक आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करने और भगोड़े आर्थिक अपराधियों की एक मानक परिभाषा तैयार करने, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए सामान्य रूप से सहमत और मानकीकृत प्रक्रियाओं के एक सेट का विकास, अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक साझे मंच की स्थापना और वसूली के लिए आर्थिक संपत्तियों का पता लगाने पर काम शुरू करने का आह्वान किया गया है।”