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भारत और अर्जेंटीना विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं एवं स्टार्टअप्स के द्विपक्षीय आदान-प्रदान के लिए सहमत हुए हैं : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

भारत और अर्जेंटीना विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं एवं स्टार्टअप्स के द्विपक्षीय आदान-प्रदान के लिए सहमत हुए हैं : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
  • PublishedJuly 25, 2023

भारत और अर्जेंटीना विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के द्विपक्षीय आदान-प्रदान के लिए सहमत हुए हैं।

यह बात आज यहां नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से अर्जेंटीना में सांता फ़े प्रांत के प्रशसक (गवर्नर) उमर एंजेल पेरोटी ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान कही।

मंत्री महोदय ने कहा कि दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा जगत, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और उद्योग के प्रतिनिधिमंडलों के बीच व्यापक वार्ता आयोजित करने का भी निर्णय लिया है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने गत 7 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में अर्जेंटीना के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री श्री डैनियल फिल्मस के साथ अपनी पिछली बैठक के दौरान ऊर्जा अंतरण और जैव प्रौद्योगिकी के अनुसंधान क्षेत्रों में संयुक्त प्रस्तावों के लिए एक नए भारत-अर्जेंटीना आह्वान किया और कहा कि उक्त आह्वान के अंतर्गत कुल 82 संयुक्त प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। ये सभी मूल्यांकन प्रक्रिया के अंतर्गत हैंI

श्री पेरोटी ने कहा कि इन संयुक्त प्रस्तावों में से लगभग 8 सांता फ़े प्रांत के लिए हैं, और यह भी बताया कि यह प्रांत भारत और लैटिन अमेरिकी राष्ट्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है। प्रशासक ने कहा कि सांता फ़े विशेष रूप से सोयाबीन में जैव प्रौद्योगिकी और कृषि अनुसंधान में अनुसंधान एवं विकास संस्थानों का केंद्र है और इस प्रान्त में विश्वविद्यालयों और उद्योग के साथ घनिष्ठ संबंध है। उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधी बीज उत्पादन में यहां अग्रणी रूप से काम किया गया है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, क्वांटम गणना और जैव-एंजाइम्स के क्षेत्र में सहयोग करने में रुचि दिखाई। यह बताया गया कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप्स पारिस्थितिकी तंत्र है और संस्थागत, विश्वविद्यालय स्तर और बहुपक्षीय मंचों जैसे विभिन्न स्तरों पर संयुक्त अध्ययन और सहयोग की अत्यधिक संभावना है।