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कौशल विकास के वैश्वीकरण का समय आ गया, G20 को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए: PM मोदी

कौशल विकास के वैश्वीकरण का समय आ गया, G20 को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए: PM मोदी
  • PublishedJuly 21, 2023

 

पीएम मोदी ने कहा, विश्व स्तर पर कार्यबल की आवाजाही भविष्य में वास्तविकता बनने जा रही है। ऐसे में अब सही अर्थों में कौशल विकास और साझाकरण के वैश्वीकरण का समय आ गया है। G20 को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने इसे वास्तविक बनाने वाले भारत के ‘कौशल भारत मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ का उदाहरण भी दिया, जिसने अब तक भारत के 12.5 मिलियन से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है। पीएम मोदी ने कहा, “उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन जैसे ‘फोर पॉइंट ओ’ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्किल के महत्व पर जोर देते हुए कहा-स्किलिंग, रि-स्किलिंग और अप-स्किलिंग भविष्य के कार्यबल का मंत्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कोरोना के दौरान अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने यह भी माना कि भारत के पास विश्व को कौशल कार्यबल मुहैया कराने की क्षमता है। इसी के साथ उन्होंने G20 देशों से इसके लिए अहम भूमिका निभाने की अपील भी की। ज्ञात हो, पीएम मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संदेश के माध्यम से मध्य प्रदेश के इंदौर में G20 देशों के श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक ये बातें कहीं।

विश्व स्तर पर कार्यबल की आवाजाही भविष्य में वास्तविकता बनने जा रही

इस संबंध में पीएम मोदी ने कहा, विश्व स्तर पर कार्यबल की आवाजाही भविष्य में वास्तविकता बनने जा रही है। ऐसे में अब सही अर्थों में कौशल विकास और साझाकरण के वैश्वीकरण का समय आ गया है। G20 को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने इसे वास्तविक बनाने वाले भारत के ‘कौशल भारत मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ का उदाहरण भी दिया, जिसने अब तक भारत के 12.5 मिलियन से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है। पीएम मोदी ने कहा, “उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन जैसे ‘फोर पॉइंट ओ’ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।”

यह दुनियाभर के देशों को साक्ष्य आधारित नीतियां बनाने के लिए सशक्त बनाएगा

इस दौरान उन्होंने अपने संदेश में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि नियोक्ताओं और श्रमिकों के संबंध में आंकड़े, सूचना और डाटा साझा करना शुरुआत करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। यह दुनियाभर के देशों को साक्ष्य आधारित नीतियां बनाने के लिए सशक्त बनाएगा।

लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना G20 एजेंडे का प्रमुख पहलू

उन्होंने कहा कि लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना G20 एजेंडे का प्रमुख पहलू है। हमें प्रत्येक देश की अद्वितीय क्षमताओं,शक्तियों और चुनौतियों पर विचार करना चाहिए। सभी के लिए एक जैसा दृष्टिकोण अपनाना सही नहीं है। हमारे पास खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन कार्यक्रम हैं। हमें इन लाभों पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि सामाजिक सुरक्षा कवरेज की सही तस्वीर सामने आ सके।

नए जमाने के श्रमिकों के लिए नए जमाने की नीतियों की जरूरत

पीएम मोदी ने कहा कि हमें नए जमाने के श्रमिकों के लिए नए जमाने की नीतियां और हस्तक्षेप डिजाइन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लचीली कार्य व्यवस्था पैदा हुई है। इसमें विशेषकर युवाओं के लिए लाभकारी रोजगार पैदा करने की अपार संभावनाएं हैं। यह महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण भी हो सकता है।

पर्याप्त काम के अवसर पैदा करने के लिए स्थायी समाधान खोजने की जरूरत

उन्होंने कहा कि हमें नियमित और पर्याप्त काम के अवसर पैदा करने के लिए स्थायी समाधान खोजने की जरूरत है। सामाजिक सुरक्षा और आगे की सुरक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच बनाने के लिए नए मॉडल की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग भविष्य के कार्यबल के लिए मंत्र हैं। भारत में हमारा ”स्किल इंडिया मिशन” इसी वास्तविकता से जुड़ने का एक अभियान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया को सबसे अधिक कौशल कार्यबल मुहैया कराने की क्षमता है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में प्रौद्योगिकी रोजगार का मुख्य चालक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के इस युग में प्रौद्योगिकी रोजगार का मुख्य चालक बन गई है और बनी रहेगी। यह सौभाग्य की बात है कि यह बैठक ऐसे देश में हो रही है जिसके पास पिछले ऐसे प्रौद्योगिकी-आधारित परिवर्तन के दौरान बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी नौकरियां पैदा करने का अनुभव है।