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संसद के मानसून सत्र-2023 से पूर्व प्रधानमंत्री का वक्तव्य

संसद के मानसून सत्र-2023 से पूर्व प्रधानमंत्री का वक्तव्य
  • PublishedJuly 20, 2023

नमस्कार साथियों,

मानसून सत्र में आप सब का स्वागत है। सावन का पवित्र मास चल रहा है और इस बार तो डबल सावन है और इसलिए सावन की अवधि भी जरा ज्यादा है। और सावन मास पवित्र संकल्प के लिए, पवित्र कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है और आज जब लोकतंत्र में मंदिर में इस सावन के पवित्र मास में मिल रह हैं तो लोकतंत्र का मंदिर ऐसे अनेक पवित्र कार्य करने के लिए इससे बड़ा उत्तम अवसर नहीं हो सकता है। मुझे विश्वास है कि सभी माननीय सांसद मिलकर के इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे।

संसद की जो जिम्मेवारी और संसद में हर सांसद की जो जिम्मेवारी है ऐसे अनेक कानूनों का बनाना, इसकी विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है। और चर्चा जितनी ज्यादा होती है, चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं। सदन में जो माननीय सांसद आते हैं वो धरती से जुड़े हुए होते हैं, जनता के दुख, दर्द को समझने वाले होते हैं। और इसलिए जब चर्चा होती है तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं वो जड़ों से जुड़े हुए विचार आते हैं और इसलिए चर्चा तो समृद्ध होती है, निर्णय भी सशक्त होते हैं, परिणामकारी होते हैं। और इसलिए मैं सभी राजनीतिक दलों को, सभी माननीय सांसदों को इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को हम आगे बढ़ाएं।

ये सत्र अनेक रूप से महत्व का भी है क्योंकि इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं वो सीधे-सीधे जनता के हितों से जुड़ें हुए हैं। हमारी युवा पीढ़ी जो पूरी तरह डिजिटल वर्ल्ड के साथ एक प्रकार से नेतृत्व कर रही है, इस समय Data Protection Bill देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला बिल है, और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बिल है। इसी प्रकार से National Research Foundation, नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक बहुत बड़ा अहम कदम है और इसका उपयोग अनुसंधान को बल देना, innovation का बल देना, research को बल देना और हमारी युवा पीढ़ी जो विश्व के अंदर नए उपक्रमों के द्वारा विश्व का नेतृत्व करने का सामर्थ्य रखती हैं, उनके लिए बड़ा अवसर लेकर के आ रही है ।

जनविश्वास भी सामान्य मानवी के प्रति भरोसा करना अनेक कानूनों को decriminalise करना इस मुहिम को आगे बढ़ाने वाला ये बिल। इसी प्रकार से जो पुराने कानून है उनको खत्म करने के लिए भी एक बिल में प्रावधान किया जा रहा है। हमारे यहां सदियों से एक परंपरा रही है कि जब विवाद हो तो संवाद से सुलझाया जाए। Mediation की परंपरा हमारे देश की बहुत सदियों पुरानी है उसको अब कानूनी आधार देते हुए Mediation Bill लाने की दिशा में इस सत्र का बहुत बड़ा उपयोग है जो अनेक विवादों से सामान्य से सामान्य मानवी से लेकर के असामान्य संजोगों को भी मिल बैठकर के सुलझाने का एक मजबूत नींव बनाएगा। इसी प्रकार से Dental Mission को लेकर के ये बिल जो हमारे Dental Colleges को लेकर मेडिकल के छात्रों के लिए एक नई व्यवस्था को आकार देगा।

ऐसे अनेक महत्वपूर्ण बिल इस बार इस सत्र में संसद में आ रहे हैं तब ये जनहित के हैं, ये युवा हित के हैं, ये भारत के उज्जवल भविष्य के लिए हैं। मुझे विश्वास है इस सदन में गंभीरतापूर्वक इस बिलों पर चर्चा करके हम बहुत तेजी से राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण कदमों को आगे बढ़ाएंगे।

साथियों,

आज जब मैं आपके बीच आया हूं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्दय पीढ़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है मणिपुर की जो घटना सामने आई है किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने है, कौन है वो अपनी जगह पर है लेकिन बेज्जती पूरे देश की हो रही है, 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्य में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें, खासकर के हमारी माताओं, बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठायें । घटना चाहे राजस्थान की हो, घटना चाहे छत्तीसगढ़ की हो, घटना चाहे मणिपुर की हो। इस देश में हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में, किसी की भी राज्य सरकार में राजनीतिक वाद-विवाद से उपर उठकर के कानून व्यवस्था का महात्मय, नारी का सम्मान और मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से, पूरी सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता है।