सरकार ने संसद के मानसून सत्र से पहले 19 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई 2023 को होगी। 23 दिनों का यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र से 1 दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई है। 19 जुलाई को दोपहर 3 बजे सर्वदलीय बैठक होगी। केंद्र सरकार की ओर से तमाम दलों को इस बैठक में शामिल होने का न्योता दिया गया है।
20 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र
वहीं संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई 2023 को होगी। 23 दिनों का यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र से 1 दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
बैठक का प्रमुख एजेंडा
बैठक के प्रमुख एजेंडे को ऐसे समझें कि जब भी संसद का सत्र बुलाया जाता है तो उससे ठीक एक दिन पहले एक परम्परा के अनुसार सरकार की तरफ से प्रमुख दलों के नेताओं को सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का न्योता दिया जाता है। दरअसल, संसद सत्र के दौरान सरकार जिस विधायी काम पर आगे बढ़ना चाहती है, सर्वदलीय बैठक में उसके बारे में सभी दलों को एक औपचारिक जानकारी दे दी जाती है।
सर्वदलीय बैठक का कारण
ऐसा इसलिए किया जाता है कि बैठक के दौरान राज्यसभा और लोकसभा के तमाम प्रमुख दलों के नेताओं व विपक्षी दलों के नेताओं के साथ एक आम सहमति बनाई जा सके ताकि संसद सुचारू रूप से चले और एक सहयोग मिले। इससे संसद के समय की बचत होती है। इसी को लेकर सरकार की ओर से एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
कौन-से बिल पेश करना चाहती है सरकार
19 जुलाई 2023 को यानी संसद सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पूर्व दोपहर 3 बजे यह सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इसमें यह औपचारिक जानकारी दी जाएगी कि कितने बिल सरकार इस सत्र के दौरान पेश करना चाहती है।
साथ ही साथ विपक्षी दल यह बताएंगे कि किन प्रमुख मुद्दों पर वो चाहते हैं कि सत्र के दौरान चर्चा हो। फिलहाल, यह खबरें आ रही हैं कि ‘डाटा प्रोटेक्शन से जुड़े नए बिल’ को सरकार से मंजूरी मिली है। सरकार उसे प्राथमिकता के स्तर पर इस सत्र के दौरान शुरू करेगी।
संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित
मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। याद हो, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में मानसून सत्र की तारीखों का ऐलान किया था। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य कामकाज में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं।