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GST के छह साल बेमिसाल, उपभोक्ताओं को खर्च कम कर सिखाई बचत

GST के छह साल बेमिसाल, उपभोक्ताओं को खर्च कम कर सिखाई बचत
  • PublishedJune 30, 2023

एक देश एक कानून के तहत 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किया गया था। इस कानून को लाने का मकसद कर की चोरी और टैक्स पर नियंत्रण करना था। छह साल के इस सफर में राजस्व के मोर्चे पर बड़ी कामयाबी मिली।

देश में सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार कानून माल एवं सेवा कर यानी GST को लागू हुए शुक्रवार को छह साल पूरे हो गए। हमारी अर्थव्यवस्था में बदलाव, कर प्रक्रिया को सरल बनाने और विकास को गति देने से लेकर निवेश को बढ़ावा देने तक, यह देश की प्रगति को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। साथ ही यह कर के बोझ को कम कर सरलीकृत प्रक्रियाओं और पारदर्शिता के साथ नागरिकों को बेहतर विकल्प चुनने और उन्हें अधिक बचत करने में सशक्त बना रहा है।

कब लागू किया गया था GST ?

ज्ञात हो, एक देश एक कानून के तहत 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किया गया था। इस कानून को लाने का मकसद कर की चोरी और टैक्स पर नियंत्रण करना था। छह साल के इस सफर में राजस्व के मोर्चे पर कामयाबी तो मिली, लेकिन कई चुनौतियां अब भी बरकरार हैं।

2023 में GST संग्रह 1.87 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा

GST कानून लागू होने के शुरुआती दौर में औसत मासिक राजस्व संग्रह 85-95 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था। अब 1.5 लाख करोड़ रुपये का मासिक राजस्व संग्रह एक तरह से सामान्य हो चुका है। अप्रैल, 2023 में जीएसटी संग्रह ₹1.87 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। अप्रैल 2022 में ₹1.67 लाख करोड़ से बढ़कर अप्रैल 2023 में ₹1.87 लाख करोड़ हो जाना, यह हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रभावी कर प्रशासन का प्रमाण है।

रिकॉर्ड तोड़ रहा प्रदर्शन

केवल इतना ही नहीं, GST का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन रहा है जिसमें 9.78 लाख भुगतान लेनदेन, 37.74 लाख ई-वे बिल जेनरेट, एक दिन में 24.85 लाख रिटर्न फाइलिंग और एक महीने में 17.48 करोड़ ई-चालान अपलोड किए गए, जो कि GST की दक्षता और प्रभाव का एक बेहतरीन प्रमाण है।

फर्जी मामले पकड़ने के लिए CBIC ने उठाए कठोर कदम

वहीं, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक महीने में 11,140 जीएसटी के फर्जी मामले पकड़े हैं। इन मामलों से 15 हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का अनुमान लगाया जा रहा है।

GST परिषद की 2016 से अब तक हुई 49 बैठकें

जीएसटी की सर्वोच्च संस्था जीएसटी परिषद की 2016 से अब तक 49 बैठकें हुई हैं। जुलाई, 2017 को इसके लागू होने से अब तक 3 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी होने का अनुमान है। जीएसटी अधिकारियों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने के लिए जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियां बनाने वालों की धरपकड़ के लिए डाटा विश्लेषण, एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।

टैक्स चोरी पर काबू पाने में GST काफी कारगर

इन सबके बावजूद टैक्स चोरी पर काबू पाने में जीएसटी काफी कारगर साबित हुआ है। अधिक से अधिक नागरिक GST को अपना रहे हैं। यही कारण है कि करदाताओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2018 में जहां करदाताओं की संख्या 103.92 लाख थी, वही 2023 में 136.58 लाख तक हो गई जो इसकी उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाते हैं। यह इस परिवर्तनकारी कर प्रणाली में रखे गए विश्वास और भरोसे का ही प्रमाण है।

हालांकि, जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने, पेट्रोल, डीजल एवं विमान ईंधन पर जीएसटी लगाने जैसे मुद्दों पर अब तक फैसला नहीं हुआ है। वहीं, ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो लेन-देन, ईवी चार्जिंग ढांचे और जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना जैसे मुद्दों पर स्पष्टता का इंतजार है।