चक्रवाती तूफान से निपटने में कारगर रही सरकार की योजना, बिना जनहानि के टला महासंकट
गुजरात में लैंडफॉल के बाद चक्रवात बिपरजॉय की शक्ति पहले से काफी कम हो गई है। आशा है कि शाम तक ये चक्रवाती तूफान डीप डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा। वहीं चक्रवात पूर्व केंद्र और राज्य सरकार द्वारा की गई तैयारियों ने बड़ी जनहानि और नुकसान को टाल दिया।
गुजरात के समुद्र तटीय क्षेत्रों में बिपरजॉय चक्रवाती तूफान का महासंकट सरकार की पूर्व योजना से टल गया। तूफान के बाद की परिस्थिति की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल शुक्रवार सुबह स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) पहुंचे। यहां उन्होंने सचिव समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों के हालात के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
तूफान पूर्व तैयारी ने नुकसान को किया न्यूनतम
इस संबंध में राहत आयुक्त आलोक पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार के चक्रवात पूर्व की तैयारियों ने बड़ी जनहानि और नुकसान को टाल दिया। राज्य में चक्रवात के कारण एक भी जनहानि की खबर नहीं है।
एक लाख लोग प्रभावित क्षेत्र से हटाए गए
एहतियात के तौर पर चक्रवाती तूफान के आने से पहले ही प्रभावित क्षेत्रों से तकरीबन एक लाख से अधिक लोगों को स्थल से हटाकर दूसरी सुरक्षित जगहों पर रखा गया। यहां सभी के लिए भोजन, पानी और दवाओं की व्यवस्था की गई।
गुजरात के इतिहास में यह सबसे बड़ा स्थलांतरण
बताना चाहेंगे कि गुजरात के इतिहास में यह सबसे बड़ा स्थलांतरण है। करीब 5 दिनों से सरकार और प्रशासन की तैयारियों की वजह से इतनी बड़ी विपदा आने के बाद भी नुकसान को न्यूनतम किया जा सका है।
प्रभावित जिलों में आर्थिक नुकसान हुआ है
इसके आगे राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों से विस्तार से जानकारी मांगी। इसमें चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति की स्थिति, संचार व्यवस्था, बिजली और सड़क की स्थिति आदि शामिल है। इसके अलावा नुकसान का अंदाज लगाने, प्रभावितों के लिए कैशडॉल, घर-गृहस्थी के सामान, झोपड़ा बनाने की सहायता और पशुधन नुकसान होने पर सहायता आदि के संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए।
263 सड़कों पर वृक्ष गिरने से आवाजाही प्रभावित
राहत आयुक्त आलोक पांडे के अनुसार प्रभावित जिलों में आर्थिक नुकसान हुआ है, परंतु इससे तेजी से उबरा जा सकेगा। तूफान के कारण 1137 वृक्ष धराशायी हो गए थे, जिससे 263 सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई। इन सभी वृक्षों को तत्काल प्रयास से हटाया गया जिसके बाद 260 सड़कों पर फिर से आवाजाही शुरू हो गई। इसके अलावा 3 सड़कों पर अधिक नुकसान होने के कारण उसे पूर्ववत करने का काम चल रहा है।
5,120 पोल गिरे, 4,600 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित
राहत आयुक्त ने यह जानकारी भी दी कि प्रभावित जिलों में 5,120 बिजली के पोल गिर गए जिससे कि 4,600 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। इसमें 3,580 गांवों में फिर से बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई है। पीजीवीसीएल की टीम चालू बारिश में अन्य गांवों की बिजली व्यवस्था बहाल करने में जुटी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में 20 कच्चे मकान, 9 पक्के मकान और 65 झोपड़ी धराशायी हुई है। इसमें 474 कच्चे मकान और 2 पक्के मकान को नुकसान पहुंचा है।
अब धीरे-धीरे हवा की रफ्तार होती जाएगी कम
फिलहाल, मौसम विभाग के अनुसार तूफान गुजरात को पार करेगा और धीरे-धीरे हवा की रफ्तार कम होती जाएगी। अभी प्रभावित जिलों में हवा की तेज रफ्तार होने की वजह से कच्छ, द्वारका, पाटण और बनासकांठा में तेज बारिश की संभावना है।
इस संबंध में एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने जानकारी दी कि लैंडफॉल होने के बाद चक्रवात बिपरजॉय की शक्ति पहले से काफी कम हो गई है। आशा है कि शाम तक ये चक्रवाती तूफान डीप डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा। हवा की गति अब भी कई जगह काफी है। कच्छ में अभी भी हवा की गति तेज है। बाकी जिलों में भी 50-60 किलोमीटर की हवा की गति है।
उन्होंने कहा, एक फोरकास्ट यह भी है कि यह चक्रवाती तूफान अपने रास्ते में काफी बारिश करेगा। इसके चलते साउथ राजस्थान में भी बारिश होने की संभावना है। अभी इससे निपटने के लिए एनडीआरएफ की कुल 19 टीमें गुजरात और दीव में तैनात हैं। आगे जोड़ते एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि उन्होंने राजस्थान सरकार से बात करके एक टीम राजस्थान के जालौर में भी उपलब्ध कराई है। उन्होंने बताया कि अभी हमारी अपेक्षा यही है कि हवा की गति से नुकसान शायद अब नहीं होगा लेकिन बारिश के कारण बाढ़ आना मुमकिन है। ऐसी स्थिति में लोगों को रेस्क्यू करने की नौबत आ सकती है जिसके लिए हमारी तैयारी है।