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डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने नई दिल्ली में इंडिया रैंकिंग 2023 जारी की

डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने नई दिल्ली में इंडिया रैंकिंग 2023 जारी की
  • PublishedJune 6, 2023

शिक्षा एवं विदेश राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने आज इंडिया रैंकिंग 2023 जारी की, जो 2015 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विभिन्न संस्थाओं की रैंकिंग संबंधी उद्देश्य के लिए तैयार किए गए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) को लागू करती है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव श्री के. संजय मूर्ति, यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, एनईटीएफ और एनबीए के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे और एनबीए के सदस्य सचिव डॉ. अनिल कुमार नस्सा विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के निदेशकों के साथ उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. राजकुमार रंजन ने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए रैंकिंग और मान्यता महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने 2015 में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का मसौदा तैयार करने का सराहनीय कदम उठाया था, जो विभिन्न श्रेणियों और विषय क्षेत्रों में देश के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) की गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता का आकलन करने के लिए बहु-आयामी मापदंडों को परिभाषित करता है और उन्हें इन मापदंडों पर हासिल कुल अंकों के आधार पर रैंक प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि इंडिया रैंकिंग देश के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के बीच विभिन्न श्रेणियों और विषयों के मामले में विभिन्न विश्वविद्यालयों की सापेक्ष स्थिति के आधार पर उनकी पहचान करने में छात्रों के लिए एक मूल्यवान उपकरण के तौर पर काम करती है। उन्होंने कहा कि इस रैंकिंग ने विश्वविद्यालयों को शिक्षण, अनुसंधान, संसाधनों और बुनियादी ढांचे से जुड़ी सुधार की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद की है।

केन्द्रीय मंत्री ने जहां विभिन्न श्रेणियों और विषयों में रैंकिंग के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों की संख्या में वृद्धि के संबंध में प्रसन्नता व्यक्त की, वहीं उन्होंने अधिक से अधिक संस्थानों को इंडिया रैंकिंग के साथ-साथ मान्यता के दायरे में लाने के लिए सामूहिक रूप से मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया।

यह देश के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) की इंडिया रैंकिंग का लगातार आठवां संस्करण है। इंडिया रैंकिंग के 2023 संस्करण में शामिल किए गए तीन विशिष्ट पहलू इस प्रकार हैं:

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र नाम के एक नए विषय का समावेश
दो अलग-अलग एजेंसियों को एक जैसे आंकड़े प्रदान करने के विभिन्न संस्थानों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से इंडिया रैंकिंग में अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीच्यूशंस ऑन इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए) द्वारा पूर्व में निष्पादित “इनोवेशन” रैंकिंग का एकीकरण।
अर्बन और टाउन प्लानिंग में पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों को शामिल करने हेतु “वास्तुकला” के दायरे का “वास्तुकला एवं नियोजन” तक विस्तार।
नई श्रेणी (नवाचार) एवं नए विषय (कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र) और “वास्तुकला” से “वास्तुकला एवं नियोजन” के विस्तार के साथ, इंडिया रैंकिंग का मौजूदा पोर्टफोलियो उन 13 श्रेणियों एवं विषयों तक बढ़ गया है जिन्हें इंडिया रैंकिंग 2023 में रैंक प्रदान किया गया है।

इंडिया रैंकिंग 2016 के प्रथम वर्ष के दौरान, विश्वविद्यालयों के साथ-साथ तीन क्षेत्र-विशिष्ट रैंकिंग यानी इंजीनियरिंग, प्रबंधन और फार्मेसी संस्थानों के लिए रैंकिंग की घोषणा की गई थी। आठ वर्षों की अवधि में, चार नई श्रेणियां और पांच नए विषय जोड़े गए हैं, जो संपूर्ण सूची को पांच श्रेणियों यानी समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज, अनुसंधान संस्थान एवं नवाचार तथा आठ विषयों यानी इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, वास्तुकला एवं नियोजन, चिकित्सा, विधि, दंत चिकित्सा और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में वर्गीकृत करते हैं।

मापदंडों और भार की पांच व्यापक श्रेणियां

शिक्षा मंत्रालय द्वारा नवंबर 2015 में शुरू की गई राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का उपयोग इस संस्करण के साथ-साथ वर्ष 2016 से लेकर 2023 तक के लिए जारी इंडिया रैंकिंग के पिछले सात संस्करणों के लिए किया गया था। एनआईआरएफ में चिन्हित की गई मापदंडों की पांच व्यापक श्रेणियों और 10 के पैमाने पर उनके भार का विवरण नीचे दिया गया है:

उन्होंने कहा कि इंडिया रैंकिंग देश के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के बीच विभिन्न श्रेणियों और विषयों के मामले में विभिन्न विश्वविद्यालयों की सापेक्ष स्थिति के आधार पर उनकी पहचान करने में छात्रों के लिए एक मूल्यवान उपकरण के तौर पर काम करती है। उन्होंने कहा कि इस रैंकिंग ने विश्वविद्यालयों को शिक्षण, अनुसंधान, संसाधनों और बुनियादी ढांचे से जुड़ी सुधार की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद की है।

केन्द्रीय मंत्री ने जहां विभिन्न श्रेणियों और विषयों में रैंकिंग के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों की संख्या में वृद्धि के संबंध में प्रसन्नता व्यक्त की, वहीं उन्होंने अधिक से अधिक संस्थानों को इंडिया रैंकिंग के साथ-साथ मान्यता के दायरे में लाने के लिए सामूहिक रूप से मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया।

यह देश के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) की इंडिया रैंकिंग का लगातार आठवां संस्करण है। इंडिया रैंकिंग के 2023 संस्करण में शामिल किए गए तीन विशिष्ट पहलू इस प्रकार हैं:

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र नाम के एक नए विषय का समावेश
दो अलग-अलग एजेंसियों को एक जैसे आंकड़े प्रदान करने के विभिन्न संस्थानों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से इंडिया रैंकिंग में अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीच्यूशंस ऑन इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए) द्वारा पूर्व में निष्पादित “इनोवेशन” रैंकिंग का एकीकरण।
अर्बन और टाउन प्लानिंग में पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों को शामिल करने हेतु “वास्तुकला” के दायरे का “वास्तुकला एवं नियोजन” तक विस्तार।
नई श्रेणी (नवाचार) एवं नए विषय (कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र) और “वास्तुकला” से “वास्तुकला एवं नियोजन” के विस्तार के साथ, इंडिया रैंकिंग का मौजूदा पोर्टफोलियो उन 13 श्रेणियों एवं विषयों तक बढ़ गया है जिन्हें इंडिया रैंकिंग 2023 में रैंक प्रदान किया गया है।

इंडिया रैंकिंग 2016 के प्रथम वर्ष के दौरान, विश्वविद्यालयों के साथ-साथ तीन क्षेत्र-विशिष्ट रैंकिंग यानी इंजीनियरिंग, प्रबंधन और फार्मेसी संस्थानों के लिए रैंकिंग की घोषणा की गई थी। आठ वर्षों की अवधि में, चार नई श्रेणियां और पांच नए विषय जोड़े गए हैं, जो संपूर्ण सूची को पांच श्रेणियों यानी समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज, अनुसंधान संस्थान एवं नवाचार तथा आठ विषयों यानी इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, वास्तुकला एवं नियोजन, चिकित्सा, विधि, दंत चिकित्सा और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में वर्गीकृत करते हैं।

मापदंडों और भार की पांच व्यापक श्रेणियां

शिक्षा मंत्रालय द्वारा नवंबर 2015 में शुरू की गई राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का उपयोग इस संस्करण के साथ-साथ वर्ष 2016 से लेकर 2023 तक के लिए जारी इंडिया रैंकिंग के पिछले सात संस्करणों के लिए किया गया था। एनआईआरएफ में चिन्हित की गई मापदंडों की पांच व्यापक श्रेणियों और 10 के पैमाने पर उनके भार का विवरण नीचे दिया गया है: