विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया का दौरा 1 जून से होगा शुरू
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 01 से 03 जून 2023 तक केपटाउन में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगे तो वहीं 04 से 06 जून 2023 तक नामीबिया का दौरा करेंगे।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (EAM) 1 से 6 जून 2023 तक दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई है। जानकारी में बताया गया है कि विदेश मंत्री 01 से 03 जून 2023 तक केपटाउन में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगे।
ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में लेंगे भाग
गौरतलब हो, ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है। यह वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
वर्षों से वैश्विक आर्थिक विकास के मुख्य इंजन रहे हैं ब्रिक्स देश
ब्रिक्स देश वर्षों से वैश्विक आर्थिक विकास के मुख्य इंजन रहे हैं। समय के साथ, ब्रिक्स देश राजनीतिक और सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय और सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान के तीन स्तंभों के तहत महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आए हैं।
दक्षिण अफ्रीकी समकक्ष के साथ होगी द्विपक्षीय बैठक
बैठक में भाग लेने के अलावा वह अपनी दक्षिण अफ्रीकी समकक्ष नालेदी पंडोर के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके अलावा वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे। वहीं इस दौरान उनकी ब्रिक्स के अन्य विदेश मंत्रियों और अन्य देशों के ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है। वह केपटाउन में प्रवासी भारतीयों के साथ भी बातचीत करेंगे।
नामीबिया में ये पहली यात्रा
अपनी यात्रा के अगले पड़ाव में विदेश मंत्री 4 से 6 जून 2023 तक नामीबिया का दौरा करेंगे। यह भारत के किसी विदेश मंत्री की नामीबिया गणराज्य की पहली यात्रा होगी। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और सरकार के अन्य मंत्रियों से भी मिलेंगे।
दोनों देशों से भारत के संबंध होंगे मजबूत
विदेश मंत्री संयुक्त आयोग की बैठक के उद्घाटन सत्र की नामीबिया के उप प्रधान मंत्री/विदेश मंत्री, नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह के साथ सह-अध्यक्षता भी करेंगे। वह नामीबिया में बसे भारतीय समुदाय से भी बातचीत करेंगे। विदेश मंत्री की दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया की यात्रा से इन दोनों देशों के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद है।
भारत और नामीबिया के बीच कैसे संबंध ?
भारत और नामीबिया के बीच संबंध मधुर एवं सौहार्दपूर्ण रहे हैं। भारत ने नामीबिया के मुक्ति आंदोलन में बढ़-चढ़ कर सहयोग किया था, तो वहीं भारत वास्तव में संयुक्त राष्ट्र में नामीबिया की आजादी का मुद्दा उठाने वाले पहले राष्ट्रों में से एक था। महज इतना ही नहीं, विदेश में पहला स्वापो दूतावास 1986 में नई दिल्ली में स्थापित किया गया था हालांकि उसे 1990 में नामीबिया की आजादी के बाद से बंद कर दिया गया। इसके बाद भारत ने स्वतंत्र नामीबिया के साथ राजनयिक संबंध उसकी आजादी के समय से ही स्थापित किए तथा प्रेक्षक मिशन को 21 मार्च 1990 को प्रूण उच्चायोग के रूप में अपग्रेड किया गया। नामीबिया ने मार्च 1994 में नई दिल्ली में अपना पूर्ण विकसित रेजीडेंट मिशन खोला।