खान सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने कोलकाता में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के कामकाज की समीक्षा की
खान मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने आज कोलकाता में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के केंद्रीय मुख्यालय का पहला दौरा किया। जीएसआई के महानिदेशक डॉ. एस. राजू ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खान मंत्रालय के सचिव का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में जीएसआई के महानिदेशक ने जीएसआई की प्रमुख सक्रिय गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में बताया। डॉ. राजू ने कहा कि आधारभूत सर्वेक्षण के प्रमुख क्षेत्रों और खनिज अन्वेषण से संबंधित उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में जीएसआई द्वारा की गई सभी प्रतिबद्धताओं को समय पर पूरा किया जाएगा। खान सचिव को जीएसआई की समग्र गतिविधियों और उपलब्धियों से अवगत कराने के लिए श्री असित साहा, डीडीजी, पीएसएस-पी एंड एम ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
बैठक के दौरान श्री विवेक भारद्वाज ने जीएसआई के अधिकारियों के साथ अत्यंत स्पष्ट और खुली चर्चा की। उन्होंने जीएसआई के विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा में सक्रियता के साथ भाग लिया। उन्होंने राष्ट्रीय भू-रासायनिक मानचित्रण (एनजीसीएम), राष्ट्रीय भूभौतिकीय मानचित्रण (एनजीपीएम) और राष्ट्रीय वायु-भूभौतिकीय मानचित्रण कार्यक्रम (एनएजीएमपी) जैसे प्रमुख आधारभूत सर्वेक्षण कार्यों को निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को सीमा से परे देखने की सलाह दी और इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के अन्य विकसित देशों में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों में हुई प्रगति और विशेष रणनीतिक क्षेत्रों का पता लगाने के लिए अध्ययन समूहों का गठन किया जा सकता है। खान सचिव ने जीएसआई को दुनिया में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रथाओं या तौर-तरीकों को अपनाने और उस पर नवाचार करने का प्रयास करने की भी सलाह दी।
विशेष अभियान 2.0 के संबंध में खान सचिव ने सभी को इस अभियान को पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष अभियान 2.0 को अत्यंत सफल बनाने के लिए जीएसआई में किए जा रहे कार्यों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण भी किया। जीएसआई के महानिदेशक ने खान सचिव को अवगत कराया कि विशेष अभियान 2.0 को बड़े उत्साह के साथ लागू किया जा रहा है और नियमित रूप से इसकी निगरानी की जा रही है।
अपने समापन भाषण में श्री विवेक भारद्वाज ने जीएसआई के केंद्रीय मुख्यालय का दौरा करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने यह बात दोहराई कि 172 साल पुराना संगठन होने के नाते जीएसआई को भू-विज्ञान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए अथक प्रयास करने चाहिए और इस क्षेत्र में प्रोफेशनल रुख के उच्च मानक स्थापित करने चाहिए। उन्होंने खान मंत्रालय की ओर से प्रशासनिक, नीति और वित्तीय मामलों में हरसंभव सहायता, सहयोग और मदद करने का भी वादा किया।