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अमेरिका

अपनी पांच दिन की अमेरिका यात्रा में वाशिंगटन से होते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह न्यूयॉर्क पहुंचे, इस यात्रा के दौरान माननीय मंत्री पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में 21 से 23 सितंबर के बीच आयोजित होने वाले “ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम” में हिस्सा लेंगे

अपनी पांच दिन की अमेरिका यात्रा में वाशिंगटन से होते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह न्यूयॉर्क पहुंचे, इस यात्रा के दौरान माननीय मंत्री पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में 21 से 23 सितंबर के बीच आयोजित होने वाले “ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम” में हिस्सा लेंगे
  • PublishedSeptember 21, 2022

20 SEP 2022 -केंद्रीय विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवम् पेंशन राज्यमंत्री, अंतरिक्ष एवम् परमाणु ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, एक संयुक्त मंत्रालय स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के तौर पर 5 दिन की अमेरिका यात्रा पर पहुंचे, इसके तहत वे पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में 21 से 23 सितंबर तक आयोजित होने वाले “ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम” में हिस्सा लेंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह की आगवानी करने भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी आए और जेएफके एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद वे वाशिंगटन डीसी के लिए निकल गए, जहां वे 35 कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों और अंतरिक्ष, पृथ्वी और समुद्री विज्ञान, फार्मा और बॉयोटेक सेक्टर से जुड़े संघीय प्रतिनिधियों के साथ अहम गोलमेज वार्ता करेंगे। इस वार्ता का आयोजन वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी कॉमर्स चैंबर के मुख्यालय में अमेरिका-भारत व्यापार परिषद ने किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह, ऊर्जा मंत्रालय, नवीन एवम् नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विज्ञान एवम् तकनीकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय संयुक्त प्रतिनिधि मंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो इस फोरम में हिस्सा लेगा, साथ ही भारतीय मूल के लोगों के साथ-साथ ख्यात बुद्धिजीवियों से मुलाकात करेगा।

35 अहम कंपनियों के सीईओ के साथ होने वाली बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह को द्विपक्षीय विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी में हो रहे सहयोग के बारे में बात करनी है। यह आपसी सहयोग एलआईजीओ (लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल ऑब्जर्वेटरी), टीएमटी (30 मीटर लंबा टेलीस्कोप) जैसे उन्नत विज्ञानों से लेकर न्यूट्रिनो फिजिक्स, स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों, स्वास्थ्य विज्ञान, पृथ्वी और समुद्री विज्ञान, कृषि विज्ञान और हाल में उभर रही तकनीकों पर जारी है।

डॉ. जितेंद्र सिंह यह प्रस्ताव भी दे सकते हैं कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिका का नेशनल साइंस फाउंडेशन आपस में मिलकर साझा दिलचस्पियों वाले विषयों पर संयुक्त परियोजनाओं की शुरुआत करें। इन विषयों में कोबोटिक्स, कंप्यूटर विजन, रोबोटिक्स एवम् ऑटोमेशन तकनीकें, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवम् मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, सेंसर्स और आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) से संबंधित नेटवर्किंग एवम् तकनीकें शामिल हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सामने यह भी बताएंगे कि कैसे भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में बेहद मौके मौजूद हैं और इसरो व नासा मिलकर एक संयुक्त रडार सेटेलाइट भी लॉन्च कर रहे हैं, जिसका नाम निसार (एनआईएसएआर: नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) है। यह मिशन मौसम परिवर्तन के समाधान में उपयोग किए जाने वाले अहम आंकड़ों को इकट्ठा करेगा। इसरो को अपने चंद्रयान-1, एमओएम (मार्स ऑर्बिटर मिशन), चंद्रयान-2 जैसे मिशन में नासा से “डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना” पर सहायता मिलती रही है। यह सहायता चंद्रयान-3 मिशन में भी मिलेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह यह प्रस्ताव भी रखेंगे कि भारत और अमेरिका संयुक्त प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, जैसे- क्वांटम तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, गहरी समुद्री खोजों, इलेक्ट्रिक गाड़ियों, टेलिकम्यूनिकेशन, सेमिकंडक्टर शोध और नवाचारों में उभर रही तकनीकों, अधिग्रहण से संबंधित भूस्थानिक तकनीकों, प्रसंस्करण और उच्च क्षमता वाले भूस्थानिक आंकड़ों के प्रसार जैसे क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को और बढ़ाएं।

बहुत संभावना है कि भारतीय राजदूत द्वारा इंडिया हाउस में आयोजित किए जाने वाले खाने के कार्यक्रम में माननीय मंत्री अमेरिका के संघीय अधिकारियों से बातचीत करें।

इंडिया हाउस में रात के खाने के बाद, डॉ. जितेंद्र सिंह 21 सितंबर को सीईएम-13 और मिशन इनोवेशन (एमआई-7) में हिस्सा लेने के लिए पिट्सबर्ग रवाना होंगे। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में दुनियाभर से स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले हजारों अग्रणी लोग इकट्ठा होंगे, इनमें कंपनियों के सीईओ, नवाचार में शामिल लोग, युवा पेशेवर कर्मी, नागरिक समाज के सदस्य और 30 से ज्यादा देशों के मंत्री शामिल होंगे, ताकि स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को बढ़ाया जा सके और उनका इस्तेमाल किया जा सके।