यूपी और उत्तराखंड में आयकर विभाग दो दिनों से ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहा है। आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले दो दिनों में सरकारी और पीएसयू कंपनियों के चार अधिकारियों के 20 परिसरों पर छापे मारे हैं। आज भी विभाग की छापेमारी धड़ल्ले से जारी है। सुबह-सुबह खबर आई कि नोएडा ऑथोरिटी पूर्व ओएसडी वाईपी त्यागी के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है। उनके 4 ठिकानों पर छापेमारी हुई है। इससे पहले राजकीय निर्माण निगम के एडिशनल जनरल मैनेजर शिव आश्रय शर्मा के पास 600 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि यूपी राज्य निर्माण निगम के देहरादून इकाई महाप्रबंधक शिव आश्रय शर्मा ने पद का दुरुपयोग कर 600 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति खड़ी की है। जीएम ने अपने चहेते ठेकेदारों के जरिए हुई कमाई से अचल संपत्तियां अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदीं। आयकर विभाग ने मंगलवार सुबह देहरादून में जीएम, उनके चहेते ठेकेदार अमित शर्मा और एक न्यूज चैनल के आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। आयकर की जांच बुधवार को भी जारी रही। आयकर अधिकारियों की जांच में यह तथ्य सामने आ रहे हैं कि गलत तरीके से कमाए धन से ऐशोआराम की जिंदगी जीता था। जीएम ने देहरादून में 100 एकड़ के फार्महाउस के अलावा कई अन्य शहरों में बड़ी जमीनें खरीद रखी हैं। उसके परिवार के सदस्यों के पास रेंजरोवर, ऑडी, बीएमडब्लू जैसी लग्जरी गाड़ियां मिली हैं।यही नहीं परिवार के सदस्य अक्सर छुटि्टयों में विदेश जाया करते थे। आयकर अधिकारियों को ऐसे रिकार्ड मिले हैं। फार्म हाउस में छापेमारी के दौरान अधिकारियों को महंगे से महंगे सामान और सुविधाएं लगी मिलीं। पांच लाख रुपए तक की महंगी 15 एलईडी और विभिन्न कंपनियों के महंगे फर्नीचर वहां थे। 2015 में जीएम ने अपने बेटे के नाम से देहरादून के पास औद्योगिक क्षेत्र में पांच बीघा जमीन खरीदा लेकिन इसके कागज नहीं दिखा सका। वहां 1500 स्क्वायर फीट में एक अत्याधुनिक जिम बना हुआ मिला। जबकि गेस्ट हाउस और स्वीमिंग पूल का निर्माण जारी है।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने बनाए करोड़ों:-सिद्धार्थनगर जिले की उसका बाजार नगर पंचायत अध्यक्ष के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी कर करोड़ों की अघोषित संपत्ति पकड़ी है। मंगलवार की देर शाम से शुरू हुई कार्रवाई में अब तक 12 ऐसी सम्पत्ति सामने आईं हैं। 15 करोड़ की लागत की हैं। चार खातों में दो करोड़ रुपए कैश, गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप की जानकारी मिली है। इसके अलावा कई जमीनों के कागज, लॉकर आदि का भी पता चला है।आयकर अधिकारी अभी कागजों की जांच पड़ताल कर रहे हैं। आयकर अधिकारियों का कहना है कि 2012 में चेयरमैन बनने के बाद स्ट्रीट लाइट, सड़क निर्माण और अन्य कार्यों के लिए मिले बजट में गड़बड़ियां की गईं। चहेते ठेकेदारों के माध्यम से काम कराया गया और बजट का बंदरबांट कराया गया। इन पांच-छह सालों में पंचायत अध्यक्ष ने करोड़ों की अघोषित सम्पति खड़ी की